आभा मिश्रा, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
कन्नौज। जिले में किसानों को तीसरे चरण के तहत ऋण मोचन योजना के प्रमाण पत्र वितरित करने के दौरान डीएम ने कहा, ‘‘इस रकम को कृशक अपने बच्चों की षिक्षा में लगाएं।’’ तीनों तहसील क्षेत्रों में एक ही दिन 480 किसानों को प्रमाण पत्र के लिए बुलाया गया था।
सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में डीएम जगदीष प्रसाद ने कहा, ‘‘किसान खेती की उत्पादकता को बढाएं। फसली ऋण जो माफ हुआ है उसे बचत खाते में डालकर बचत करें। साथ ही धनराषि को अपने बच्चों की शिक्षा में लगाएं। ऐसे किसान जिनकी मृत्यु हो जाने की वजह से ऋण माफ नहीं हो पा रहा है उनके परिजन विरासत की प्रक्रिया पूरी करें। जिससे उनको भी ऋण माफी का लाभ मिल सके।’’
डीएम ने आगे कहा, ‘‘25 अक्टूबर को जिले में एक साथ फिर 14 हजार शौचालय का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हर परिवार अपना-अपना शौचालय जरूर बनवा लें।’’
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एसपी हरीश चन्दर ने कहा, ‘‘शौचालय बनवाने के साथ ही उसका प्रयोग जरूर किया जाए। गंदगी बाहर फैलाना कानूनन जुर्म है। अगर किसी किसान को परेशानी होती है तो पुलिस के डायल 100 नंबर पर कॉल की जा सकती है। फर्जी और गलत मुकदमों से किसान दूर रहें।’’
डीडी कृषि डॉ. राजेश कुमार बताते हैं, ‘‘किसानों को ऋण मोचन योजना की कार्रवाई में कन्नौज को पूरे उत्तर प्रदेष में छठवां स्थान मिला है। सोमवार को कन्नौज, छिबरामऊ और तिर्वा तहसील क्षेत्र में 160-160 किसानों को योजना के तहत माफी का प्रमाण पत्र बांटा गया है।’’
डीडी कृषि ने आगे बताया, ‘‘योजना के तहत कन्नौज के 77416 लघु व सीमांत किसान पात्र पाए गए। 416 करोड की ऋण माफी जिले में की जानी है। 57556 किसानों के खातों को आधार कार्ड से लिंक करा दिया गया है। 77411 किसानों के खातों की भूलेख मैपिंग हो चुकी है।’’ तीसरे चरण के लिए 22500 किसानों का डाटा प्राप्त हुआ था। कुल 18252 किसानों को बजट 118.17 करोड़ से द्वितीय चरण में लाभान्वित किया जा रहा है। पहले चरण में कुल 28154 किसानों का डाटा मिला था। इसके सत्यापन के बाद 16407 किसानों को 109 करोड़ से लाभान्वित किया जा चुका है।
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