बाराबंकी। ककड़ी के बीजों का उत्पादन करने वाले किसान आजकल काफी खुश हैं। वजह यह है कि किसानों को बीज बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। ककड़ी के उन्नत बीज की बुवाई से लेकर उसे दोबारा बाजार में भेजने तक, सब कुछ एक तयशुदा करार के तहत होता है।
आसान शब्दों में कहें तो बीज कंपनियां किसानों को पहले से तयशुदा रकम देने का वादा करके ककड़ी के बीज देती हैं और फसल तैयार होने पर किसानों से वादे के अनुसार बीज खरीद लेती हैं। इस तरह ककड़ी बीज का उत्पादन किसानों के अच्छे मुनाफे का जरिया बना है और किसान घर बैठे तैयार बीजों की बिक्री से तकरीबन पंद्रह हजार रुपए प्रति बीघे की आमदनी कर रहे हैं।
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यही वजह है कि जायद में मेंथा की जगह क्षेत्र के काफी किसान इन दिनों ककड़ी बीज उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। बीज उत्पादक कंपनियों से बीज लेकर फिर उत्पादित बीज को उन्हीं के हाथों बेचकर वे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कम लागत में अच्छे मुनाफे के चलते इन दिनों क्षेत्र के मुन्नूपुरवा, पवैय्याबाद, दासखंड और कासिमगंज सहित कई गाँवों में ककड़ी बीज का उत्पादन किसानों की आर्थिक समृद्धि का आधार बना है।
मुन्नूपुरवा निवासी रीतेश वर्मा (35 वर्ष) ने बताया, “जायद में ककड़ी बीज का उत्पादन काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। ककड़ी बीज का खरीद दाम बीज उत्पादक फर्म पहले से ही तय कर देती है। लिहाजा, फसल बेचने की चिंता नहीं रहती।”
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वहीं पवैय्याबाद निवासी अवधेश वर्मा (45 वर्ष) ने बताया, “बीज की क्वालिटी को लेकर काफी ध्यान रखना पड़ता है। एक बीघे में 50 से 60 किलो तक बीज तैयार होता है। यह तीन सौ रुपए प्रति किलो की दर पर बेचा जा सकेगा। यह मुनाफे की खेती साबित होगी। इसका एक फायदा यह भी होता है कि तैयार बीज की घर से ही बिक्री हो जाती है।”
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