सब्जी की खेती कर रहे किसानों को नहीं मिल रही सरकारी मदद
Jitendra Tiwari | Jun 11, 2017, 11:31 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
गोरखपुर। जिले में कम जोत के किसानों ने एक नई तरकीब ढूढ़ी है अब वो हरी सब्जियां उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।जिले के पिपराइच, चरगावां व भटहट आदि ब्लॉक के किसानों ने समय की मांग को समझते हुए हरी सब्जी की खेती पर जोर दे दिया हैं।
इनमें अधिकांश किसानों के पास जोत की जमीन काफी कम है, लेकिन वे अपने मेहनत की बदौलत हरी सब्जी उगाकर परिवार की तस्वीर संवार रहे हैं। लेकिन इन्हें किसी भी तरह की सरकारी मदद, कृषि विभाग से नहीं मिलती है।
सब्जी के पौध में रोग लगने पर किसान अपने हिसाब से ही इलाज करते हैं, कहीं से कोई मार्गदर्शन नहीं मिलता है। यहीं नहीं आर्थिक तौर पर फौरी मदद के लिए इनमें से अधिकांश किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) तक नहीं है। मजबूरन इन किसानों को साहूकारों से मदद लेनी पड़ती है।
पिपराइच ब्लॉक के पिपरही निवासी सुरेश सिंह (उम्र 40 वर्ष) ने बताया, “ मैं हरी सब्जी उगाकर परिवार का भरण-पोषण करता हूं, अगर सरकारी योजनाओं व कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलता तो काफी मदद हो जाती।”
पिपराइच ब्लॉक के चिलबिलवां निवासी मोती मौर्या (उम्र 50 वर्ष) ने बताया , “सब्जी की खेती करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर कुछ आमदनी होती है, खेत में दिन-रात पसीना बहाना पड़ता है। अगर केसीसी की सुविधा उपलब्ध हो जाती तो कुछ राहत हो जाती।” चरगावां ब्लॉक के रजही निवासी रामप्रीत मौर्य (उम्र 48 वर्ष) ने बताया, “सब्जी की खेती में रोग लगने से परेशान हैं, कृषि विभाग से कोई मदद या मार्गदर्शन नहीं किया जाता है। अपने स्तर से ही देखरेख करना होता है। रोग लगने के चलते आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती है।”
इस बारे में जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने बताया, “किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा, इसके लिए ब्लॉकवार कार्यक्रम चल रहा है, इसके बाद भी अगर किसी किसान कोई समस्या है तो वह विकास भवन स्थित कार्यालय में आकर अपनी समस्या रख सकता है, जिसे हरहाल में दूर किया जाएगा।
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गोरखपुर। जिले में कम जोत के किसानों ने एक नई तरकीब ढूढ़ी है अब वो हरी सब्जियां उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।जिले के पिपराइच, चरगावां व भटहट आदि ब्लॉक के किसानों ने समय की मांग को समझते हुए हरी सब्जी की खेती पर जोर दे दिया हैं।
इनमें अधिकांश किसानों के पास जोत की जमीन काफी कम है, लेकिन वे अपने मेहनत की बदौलत हरी सब्जी उगाकर परिवार की तस्वीर संवार रहे हैं। लेकिन इन्हें किसी भी तरह की सरकारी मदद, कृषि विभाग से नहीं मिलती है।
सब्जी के पौध में रोग लगने पर किसान अपने हिसाब से ही इलाज करते हैं, कहीं से कोई मार्गदर्शन नहीं मिलता है। यहीं नहीं आर्थिक तौर पर फौरी मदद के लिए इनमें से अधिकांश किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) तक नहीं है। मजबूरन इन किसानों को साहूकारों से मदद लेनी पड़ती है।
पिपराइच ब्लॉक के पिपरही निवासी सुरेश सिंह (उम्र 40 वर्ष) ने बताया, “ मैं हरी सब्जी उगाकर परिवार का भरण-पोषण करता हूं, अगर सरकारी योजनाओं व कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलता तो काफी मदद हो जाती।”
पिपराइच ब्लॉक के चिलबिलवां निवासी मोती मौर्या (उम्र 50 वर्ष) ने बताया , “सब्जी की खेती करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर कुछ आमदनी होती है, खेत में दिन-रात पसीना बहाना पड़ता है। अगर केसीसी की सुविधा उपलब्ध हो जाती तो कुछ राहत हो जाती।” चरगावां ब्लॉक के रजही निवासी रामप्रीत मौर्य (उम्र 48 वर्ष) ने बताया, “सब्जी की खेती में रोग लगने से परेशान हैं, कृषि विभाग से कोई मदद या मार्गदर्शन नहीं किया जाता है। अपने स्तर से ही देखरेख करना होता है। रोग लगने के चलते आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती है।”
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