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परफ्यूम पर जीएसटी की मार , टैक्स फ्री गुलाब जल पर अब लगेगा 28 फीसटी जीएसटी

GST

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। देश-दुनिया को खुशबू से महकाने वाले कन्नौज के इत्र पर जीएसटी की मार पड़ी है। टैक्स फ्री रहे गुलाबजल और गुलकंद पर 28 फीसदी अतिरिक्त चुकता करना पड़ेगा।

अतर एवं परफ्यूमर्स एसोसिएशन कन्नौज के अध्यक्ष ओमप्रकाश पाठक बताते हैं, ‘‘जीएसटी लागू होने से जीरो परसेंट गुलाबजल पर 28 फीसदी, गुलकंद को भी शून्यफीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी जीएसटी के दायरे में ला दिया गया है। इत्र पर अभी तकपांच फीसदी टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब 18 फीसदी देना पड़ेगा।’’

ओमप्रकाश आगे कहते हैं, ‘‘व्यापारियों पर नहीं इसकी मार कस्टमर पर पड़ेगी।जीएसटी की दरें घटाने को लेकर मैं कुछ व्यापारियों के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथयोगी से भी मिला था। मुख्यमंत्रीजी ने भरोसा दिया है कि इस पर विचार कियाजाएगा।’’

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इत्र कारोबारी प्रशांत मिश्र ‘बच्चा’ बताते हैं, ‘‘इत्र एकता का प्रतीक है। इसका धार्मिकयूज भी है। मस्जिद हो या गुरूद्वारा या फिर मंदिर। हर जगह इत्र का प्रयोग कियाजाता है। इसके बाद भी 18 और 28 प्रतिशत टैक्स करना गलत है।’’

प्रशांत आगे कहते हैं, ‘‘गुलाब से इत्र आदि बनता है। जीएसटी की मार से अगर व्यापारीने गुलाब लेना बंद कर दिया तो सैकड़ों किसान बेरोजगार हो जाएंगे।’’

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इस बाबत जब सेल टैक्स अधिकारी आरके त्रिपाठी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बैठक में होने की वजह से बात नहीं हो सकी।

‘‘कन्नौज की विरासत इत्र है। अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो यह विरासत विलुप्तहो जाएगी। किसानों ने जीएसटी की वजह से खेतों से मेहंदी और गुलाब की खेती खत्मकरने के लिए फसलों को खेतों से काटना शुरू कर दिया है।’’ पवन त्रिवेदी, मंत्री,कन्नौज अतर एवं परफ्यूमर्स एसोसिएशन

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