हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बोले तुम जैसों को मैं अपनी बहन नहीं बना सकता 

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स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। “अभी तक तो बाहर ही जाने में डर रहता था, लेकिन अब तो हम लोग अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं हैं। अब हम लोग सुरक्षित कहां पर होंगे।” ये कहना है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बेसिक हेल्थ कर्मचारी कल्पना सिंह का।

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूरी पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र सरोजनीनगर में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी नारायण यादव ने बेसिक हेल्थ महिला कर्मचारी कल्पना सिंह को सिर्फ इस वजह से पीट दिया क्योंकि कल्पना ने स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को भइया कह दिया था।

कल्पना सिंह ने बताया, “हम मीटिंग की वजह से उनके पास गए थे तो उन्हें भैया बोल दिया था, जिससे उनका पारा अचानक से गर्म हो गया और मुझे मारने लगे। हम लोग शोर मचाते रहे, लेकिन वहीं पर बैठे चिकित्सा अधीक्षक एके दीक्षित कुछ भी बोलने के लिए आगे नहीं आये। उन्होंने मुझे अपशब्द बोले। बोले, तुम जैसों को मैं अपनी बहन नहीं बना सकता हूं।”

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उन्होंने आगे बताया, “स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अपनी गलती अभी भी नहीं मान रहें है और ऊपर से हम लोगों पर आरोप लगा रहे हैं कि अस्पताल की सभी महिला कर्मचारी ने उन्हें में कमरें में बंद करके पीट दिया है। अब हम लोग न्याय के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिले हैं यहां से भी न्याय नही मिलेगा तो मंत्री से भी मिलेंगे।”

साथी महिला कर्मचारी ने बताया, “स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी का बर्ताव बहुत खराब है उन्होंने कल्पना को बहुत बुरी तरीके से मारा है और कई तरह की गालियां भी दी हैं। अब वो अपनी गलती भी नहीं मान रहें हैं। हम लोगों ने थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया है, लेकिन वहां से भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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अब सीएमओ ऑफिस आये हैं देखते हैं हमने उन्हें लिखित में भी दे दिया है उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर बात करने की बात करी है।” सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया, “मारपीट हुई है ये मामला मेरे सामने आया है इसपर मैंने अपनी एक महिला और एक पुरुष की टीम बनाकर कर जांच के लिए बोल दिया है और तीन दिन के अन्दर उनसे जवाब मांगा है। सीएमओ साहब ने अपनी अलग से जांच के लिए बोला है दोनों पक्षों में जो दोषी पाया जायेगा उसपर कार्यवाई की जाएगी।”

सरोजनीनगर के एसओ ने बताया, “यह स्वास्थ्य विभाग का मामला है। पहले सीएमओ ऑफिस से कोई कार्यवाई हो तभी हम आगे कुछ कर सकते हैं।” वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीएस बाजपेई बताया, “मामला मेरे संज्ञान में आया था। मैंने दोषी कर्मचारी का ट्रांसफर कर दिया है।”

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