बीसी यादव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
जौनपुर। मछलीशहर ब्लाक में पशुओं को गलाघोंटू के रोग से बचाने के लिए पशु विभाग घर-घर जाकर टीका लगा रहा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, ब्लॉक में अब तक 25 हजार से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण किया जाना है। यह टीका लगाने का काम सितम्बर महीने तक चलेगा तब तक इसकी संख्या और बढ़ेगी।
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बरसात के मौसम में यह बीमारी पशुओं में पाई जाती है, इससे बचने का एक मात्र उपाय टीकाकरण है। मछलीशहर ब्लॉक में चार राजकीय पशुचिकित्सालय है, जिसमें मछलीशहर, मीरगंज, बरईपार, जमालपुर शामिल हैं । इसके साथ ही तीन पशुसेवा केन्द्र गोधना, करारा व अमाई बनाए गए हैं।
यहां पशुचिकित्साधिकारी व पशुधन प्रसार अधिकारी की नियुक्ति की गई है। जिसमें 90 गाँव शामिल हैं। बरसात का सीजन शुरू होते ही पशु गला घोंटू रोग की चपेट में आ जाते हैं। इससे बचने के लिए विभाग ने लगभग 25 हजार वैक्सीन सेन्टर पर भेज दी हैं, जिसमें ज्यादातर वैक्सीन पशुओं को लगा दी गई है।
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गलाघोंटू की चपेट में आने वाले पशुओं के मरने का चांस 90 फीसदी हो जाता है। इसलिए इस रोग से बचाव के लिए टीकाकरण कराना जरूरी होता है। इसका लक्षण मुंह से लार गिरना, आंख लाल होना, बुखार होना, गले से आवाज आना है। यह बरसात में चारा चरने वाले पशुओं से होता है। क्योकि गंदगी इन चारों पर होती है इनके इंफेक्शन से पशु गलाघोंटू रोग की चपेट में आ जाता है और उसकी मौत हो जाती है।
पशुचिकित्साधिकारी सुनील सिंह ने बताया ज्यादातर पशुओं में वैक्सीन लगा दी गई है। बाकी पशुओं के अगली खेप आते ही लगी दी जाएगी।
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