फिर पेश की हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
फिर पेश की हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसालमाल्यार्पण करते वारसिया उर्स कमेटी के पदाधिकारी जमील वारसी।

स्वयं डेस्क प्रोजेक्ट

तिर्वा/कन्नौज। गंगा-जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध कस्बे में हर साल होने वाली रामलीला के समापन अवसर पर वारसी खानदान ने एक बार हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है। रामलीला में पुरूषोत्तम राम की आरती कर उन्होंने 'सबका मालिक एक' के संदेश के साथ मिलजुलकर रहने का सन्देश दिया है।

सिर्फ देखें ही नहीं, जीवन में उतारें

इस कार्यक्रम में वारसिया उर्स कमेटी के पदाधिकारी और व्यवसायी जमील वारसी ने पुरूषोत्तम राम और लक्ष्मण बने कलाकारों की थाली से आरती उतारकर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। हिन्दू रीतिरिवाज से उन्होंने राम-लक्ष्मण का माल्यार्पण किया। तिलक लगाया और आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सब लोग एक-दूसरे के त्योहार मिलजुलकर मनाएं। धार्मिक कार्यक्रमों से लोगों को काफी सीख मिलती है। इसे देखें ही नहीं, बल्कि जीवन में भी उतारें।

गले मिलकर दी शुभकामनाएं

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा है। इससे पहले भी मां दुर्गा पूजा शोभायात्रा में वारसी खानदान ने आरती की थी और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया था। इतना ही नहीं, शोभायात्रा में शामिल भक्तों के गले मिलकर उन्होंने शुभकामनाएं दी थीं। हिन्दुओं के कार्यक्रमों में शामिल होकर समय-समय पर गुल्लू वारसी, रेहान वारसी, शानू वारसी आदि मुस्लिम भाई लोगों को सीख देते रहे हैं। बताते चलें कि रामलीला शुरू होने से पहले लोग आरती उतारते हैं। इसके बाद लीला का मंचन शुरू होता है। इसी क्रम में मुस्लिम भाइयों ने आरती उतारी।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.