स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
सीतापुर/औरैया। जिन महिलाओं ने चाहरदीवारी के बाहर पढ़ाई के लिए कभी कदम न रखा हो, बढ़ती उम्र में उनके लिए पढ़ना थोड़ा मुश्किल था। प्रदेश के 16 जिले की हजारों महिलाओं ने जब किताब को पल्लू में छिपाकर पढ़ाई करनी शुरू की तो उनके अपने ही मजाक बनाते थे। इन ग्रामीण महिलाओं ने पढ़ने के लिए न सिर्फ समाज से लड़ाई लड़ी बल्कि अपनों से भी लड़ाई की और साक्षर बनीं।