गंगा में फेंक रहे घर का कूड़ा

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गंगा में फेंक रहे घर का कूड़ाप्रतीकात्मक फोटो।

कम्यूनिटी जनर्लिस्ट: योगेश राजपूत

कक्षा- 12, स्कूल- माया देवी इंटर कॉलेज, शिवाजीनगर-कन्नौज

कन्नौज। एक तरफ सरकार जहां गंगा नदी की सफाई को लेकर अभियान चला रही है, वहीं जागरूकता की कमी की वजह से लोग गंगा मैया को मैली कर रहे हैं। लोगों ने घर से उठाकर पुरानी और खंडित वस्तुओं को नदी में फेंकना शुरू कर दिया है, इससे न सिर्फ गंगा मैया मैली हो रही हैं, बल्कि डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के साथ ही संक्रामक बीमारियां भी गंदगी की वजह से पनप रही हैं।

मेहंदीघाट के पास गंदगी का अंबार

जिला मुख्यालय से करीब आठ किमी दूर गंगानदी पर मेहंदीघाट है। इसके आस-पास काफी गंदगी है। लोग यहां पर खंडित मूर्ति, पूजा-पाठ की सामग्री, ग्रंथ समेत अन्य सामग्री डाल देते हैं। इससे नदी का पानी भी गंदा हो रहा है। गंदगी में कई तरह के जीव-जंतु विचरण करते हैं। ऐसे में मच्छरों का भी प्रकोप हावी हो जाता है। गंदगी की वजह से लोग स्नान करने में भी कतराते हैं।

बीमारी की चपेट में लोग

हिन्दू धर्म में गंगा को माता का दर्जा दिया गया है। दशहरा, माघी पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा और कतकी आदि त्योहारों पर मेहंदीघाट पर श्रद्धालुओं का जमघट लगता है। कई श्रद्धालु यहां गंदगी भी कर देते हैं। इससे दूसरे लोगों को काफी परेशानी होती है। जगह-जगह पानी भरने और उसमे गंदगी की वजह से मच्छरों के बढ़ने का खतरा हो जाता है। वर्तमान समय में मच्छरों की वजह से कई लोग गंभीर बुखार की चपेट में हैं। वहीं, कई लोगों की जिले में जान भी जा चुकी हैं। इसलिए सफाई रखना सबका कर्तव्य है। हालांकि सरकार ने गंगाघाट पर सुधार के प्रयास किए हैं। उसमें सफलता भी मिली है, लेकिन लोगों को जागरूक भी होना पड़ेगा। इससे सभी को फायदा है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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