Gaon Connection Logo

बस्ती : सैकड़ों परिवारों का कोई स्थाई पता नहीं 

गाँव

दिलीप पाण्डेय, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बढनी (सिद्धार्थनगर)। नगर पंचायत बढ़नी क्षेत्र में दशकों से बसा एक टोला आज भी मूलभूत सुविधाओं से अछूता है। अजय आरा मशीन के सामने आंनदपुर धाम से लेकर मौर्या होटल तक बसे सैकड़ों घरों के लोग न बढ़नी शहरी में दर्ज हैं न बढ़नी ग्रामीण में। ये लोग सिर्फ मतदान से ही वंचित नहीं हैं बल्कि मूलभूत सुविधाओं से भी महरूम हैं इनका कोई पता भी नहीं है।

स्थानीय निवासी समयप्रसाद (40 वर्ष) ने बताया, ‘‘हम लोग नगर पंचायत प्रशासन से बगल सटे वार्ड नं. 3 लोहिया नगर में समायोजित करने की लिखित गुहार कर चुके हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब नये परसीमन में पता चला है कि नगर पंचायत के अगल बगल गाँवों को जोड़ने में जातीय समीकरण साधने के सभासदों व नगर पंचायत अध्यक्ष के विवाद से नये समायोजन का कार्य अधर में लटक गया है।”

ये भी पढ़ें- यूपी में भी एक ऐसा गाँव जहां लोग घरों में नहीं लगाते दरवाजे

इस मामले में सभासद संघ के अध्यक्ष अब्दुल मन्नान (42 वर्ष) ने बताया,‘‘बढ़नी देहात व मुडिला देहात क्षेत्र को नगर पंचायत सीमा में लेने के लिए बोर्ड का प्रस्ताव पासकर शासन को बहुत पहले भेजा जा चुका है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन द्वारा जिम्मेदारी से लगकर पैरवी न होने से शासन से मंजूरी नहीं मिल पाई है।” नगर पंचायत के रहने वाले सुनील अग्रहरी (34 वर्ष) ने बताया, ‘‘उक्त टोले के लोगों को समायोजित करने का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। कई बार अध्यक्ष द्वारा शासन को पत्र भी लिखा जा चुका है।”

नगर पंचायत चेयरमैन रामनरेश उपाध्याय ने बताया मैंने शासन में प्रस्ताव भेजकर इस टोले को नगर पंचायत में शामिल करवाने का प्रयास किया, लेकिन राजनीतिक कारणों से कुछ लोगों ने विरोध कर दिया।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

More Posts

अंधविश्वास के पीछे का विज्ञान बताते हैं ओडिशा के गुरु जी; राष्ट्रपति ने किया राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

शिक्षक दिवस के मौके पर ओडिशा के संतोष कुमार को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है। इसके पीछे उनकी बरसों की...