इश्त्याक खान/धर्म पाण्डेय
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
दिबियापुर/औरैया। वन विभाग की करोडो रूपए की कीमती जमीन को खाली कराने का अभियान शुरू कर दिया गया है। पहले दिन सुबह 11 बजे से जेसीबी लगाकर अतिक्रमण गिराना शुरू किया गया और 16 दुकानें गिरा दी गई। दुकानदारों ने कई बार अधिकारियों से और समय देने की गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने एक भी नहीं मानी।
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जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर दिबियापुर में वन विभाग के अधिकारियों ने दो-दो जेसीवी लगवाकर अपनी जमीन खाली करवा रहे है। उधर जैसे ही मलबा गिरा वैसे ही भू-माफिया के हौसले टूट गए। पुलिस भी भू-माफिया की तलाश में थी अधिकारियों के बदले तेवर देख जनता खुश थी। जनता ने अधिकारियो से वन विभाग के जमीन पर रखे खोको का हटवाने की भी मांग की है।
नगर पंचायत से आए कर्मचारी खोके अपने साथ उठा ले गए। पीएसी, वन विभाग की पुलिस, पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर वर्मा और डीएफओ सुन्द्रेशा व उप जिलाधिकारी अमित राठौर ने जेसीवी बुलवाकर जॅमुहा गाँव के बाहर से वन विभाग की जमीन पर बनी 12 दुकानें व मकानों के बाहर बढ़ी हुई चार दुकानों को गिरा दिया।
सभी दुकानदारो को नोटिस देकर दुकानो को खाली कराने को कह दिया गया था। जिसकी समय सीमा बीत चुकी थी कई दुकानदारों ने अपने दुकानों का सामान निकाल लिया था। जेसीबी ने 5 घण्टे मे 16 दुकाने गिरा दी।
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डीएफओ सुन्द्रेशा ने बताया, 16 जून को अतिक्रमण अभियान पुनः चलाया जाएगा। 212 दुकानें साथ कुछ बहुमंजला मकानों पर कार्यवाई की जा रही है।
मकान व दुकान बना कर रह रहे असेनी निवासी सुरेन्द्र पुत्र रामसेवक से वन विभाग ने जगह खाली कराने में कड़ी मशक्कत करनी पडी। कई बार जेसीवी रोक दी गयी और ऐसा लगने लगा की अब जमीन खली नही हो पाएगी। आनन-फानन मे उप जिलाधिकारी ने कानून-गो व लेखपाल को तलब कर लिया। बाद मे सुरेन्द्र का सामान व परिवार के रहने के लिए नगर स्थित कांशीराम कालोनी में जगह दे दी गयी।
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