ललितपुर के कई गांवों के ग्रामीणों में रोष, मांगें नहीं हुईं पूरी, अब करेंगे चुनाव का बहिष्कार
Arvind Singh Parmar 22 Feb 2017 9:12 PM GMT

महरौनी (ललितपुर)। यूपी में चौथे चरण के लिए मतदान का प्रचार कल शाम थम गया। 23 फरवरी को बुंदेलखंड मे वोट पड़ेगे। ललितपुर की विभानसभा महरौनी में करीब एक दर्जन से अधिक गाँवों के मतदाता चुनाव का बहिष्कार करेगें। गाँव वालों ने रणनीति बना ली है, गाँवों में चुनाव बहिष्कार के पर्चे व बैनर इसकी गवाही दे रहे हैं।
इस गांव में सभी दलों के प्रत्याशी वोट मांगने पहुंचे। ग्रामीणों ने जब उनको अपनी मांगों से अवगत कराया तो सभी प्रत्याशी उदासीन हो गए। ऐसे में यहां के रहवासियों ने चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। प्रदेश सरकार ने विधानसभा को दो नयी तहसील तो दे दी लेकिन अब ये तहसील यहां के लोगों के लिए चुनौती बन गए हैं। एक दर्जन से अधिक गाँव महरौनी तहसील के पास है। शासन ने इन गाँवों को पाली तहसील में जोड़ दिया, जिसकी दूरी 30 से 40 किमी है। स्थानीय निवासी शिशुपाल ने बताया "पाली जाने के लिए तीन जगह बस बदलनी पड़तह है। एक तरफ से तीन घंटे का समय लगता है।
ललितपुर से लगभग 50 किमी दूर बारचौन गाँव के दरयाव सिंह (29 वर्ष) बताते हैं "हमें पाली तहसील में जोड़कर हमारे साथ अन्याय किया गया है। सभी कामों के लिए दौड़ना पड़ता है। समय और पैसा, दोनों बर्बाद होता है। यहां के लोग अब वापस तहसील महरौनी में जोड़ने की बात कर रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी गुहार लगाई जा चुकी है। ऐसे में चुनाव में खड़े उम्मीदवारों से मांग इस समस्या सये निजात दिलाने की मांग की जा रही है लेकिन कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। आसपास के गाँवों बारचौन, सत्तू, गदनपुर, देनपुरा, बनयाना, मुडिया, अर्जनखिरिया और गढ़ा में मतदाता चुनाव का विरोध कर रहे हैं।
नहीं बनी सड़क अब नोटा ही विकल्प
वहीं जनपद से उत्तर दिशा में 27 किमी दूर बिल्ला गाँव के लोग इस बार सड़क की माँग को लेकर नोटा का बटन दाबाने का मूड बना चुके हैं। 2,200 वोटरों वाली पंचायत में से एक हजार लोगों ने नोटा बटन दबाने का मन बनाया है। गाँव की सड़क खस्ताहाल है। मिर्चवारा की कच्ची सड़क पर चलना दूभर है। इन सड़कों को दूरुस्त करने की मांग काफी दिनों से की जा रही है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
चार किमी की कच्ची सड़क पर बारिश के मौसम तो पैदल भी नहीं चला जाता। बिल्ला गाँव के पुष्पेन्द्र राजपूत (28 वर्ष) ने बताया "लोक सभा के चुनाव मे उमा भारती ने खस्ताहाल सड़क बनवाने का आश्वासन दिया था लेकिन दोबार वो यहां आई ही नहीं। ऐसे में इस बार हम नोटा का बदन दबाकर अपना विरोध दर्ज करेंगे।" गाँव को न्याय पंचायत का दर्जा प्राप्त है लेकिन कोई सरकारी अस्पताल नहीं है। 27 किमी दूर ललितपुर इलाज के लिए जाना पड़ता है, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने गाँव में श्मसान घाट बनवाने का वादा किया था, वो भी पूरा नहीं हुआ। राम प्रताप सिंह (56 वर्ष) ने कहा "चुनाव में नेता वोट लेने आते हैं वादा करके सब भूल जाते हैं। इस बाहर म नोटा का ही बटन दबाएंगे।
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