गाँवों में भी दिखा नमक पर अफवाह का असर, बोरों में भरकर नमक ले गए ग्रामीण

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गाँवों में भी दिखा नमक पर अफवाह का असर, बोरों में भरकर नमक ले गए ग्रामीणदुकानों से खरीदकर साइकिल में नमक की बोरी लादकर ले गए ग्रामीण।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: मो. सद्दाम

रायबरेली। ''शुरू में तो इक्का-दुक्का लोग ही आ रहे थे जो दो से तीन पैकेट नमक खरीद रहे थे। देखते ही देखते लोगोँ की संख्या बढ़ने लगी।'' यह कहना है दोस्तपुर गाँव के शिवम सिंह (45 वर्ष) का। नमक महंगा होने की अफवाह का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिला। कहीं दुकानों पर भीड़ दिखाई दी, तो कहीं खुद गाँवों के फुटकर दुकानदार साइकिल पर नमक की बोरी लादे दिखाई पड़े।

देखते ही देखते दुकानों में खत्म हो गया नमक

बछरावां से लेकर सेंहगो, लालगंज रोड, शिवगढ़ रोड, महाराजगंज रोड पर पड़ने वाले गाँवों में नमक खरीदने के लिए लोगों की अफरातफरी मच गई। गाँवों की छोटी दुकानों में नमक खत्म हो गया, जिसका असर क्षेत्र की मुख्य बाज़ार भी दिखाई दिया।

200 रुपये में नमक के पांच छोटे पैकेट खरीदे

शिवम ने आगे बताया कि हमने 200 रुपए में नमक के पांच छोटे पैकेट खरीदे हैं। पैकेट पर छपी एमआरपी के अनुसार ये सारे पैकेट 100 रुपए में मिलते हैं। वहीं बछरावां ब्लॉक के पटेलनगर निवासी कुलदीप सिंह ने कहा,'' हमने पूरी बाज़ार में नमक खोजा पर किसी भी दुकान में नमक नहीं मिला।''

तब पुलिस ने बढ़ाई सक्रियता

गाँवों में भी सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का असर दिखा। लेकिन ग्रामीणों तब जाकर आराम हुआ, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बयान सोशल मीडिया पर वाइरल होने के बाद प्रशासन की सर्तकता बढ़ गई, जिससे स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई।

जिलाधिकारी ने लोगों से की अपील

थुलेंडी गाँव के दुकानदार शफीक बेचने के लिए एक बोरी नमक साइकिल पर ले जाते दिखे। पूछने पर शफीक ने कहा, दुकान का नमक खत्म हो गया है। 500 रुपए में बोरी खरीद कर ले जा रहा हूं। जिले में नमक ले लिए मचे हड़कंप को थामने के लिए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने भी लोगों से अफवाह पर ध्यान ना देने की अपील की है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

  

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