स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
गोरखपुर। खरीफ सीजन शुरू होते ही धान समेत कई फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश ने किसानों की उम्मीद पर भी पानी फेरना शुरू कर दिया है। हालात ये है कि खरीफ सीजन में बोई जानी वाली कई फसलों की बुवाई ही किसान नहीं कर पाया है। यही नहीं अरहर समेत कई फसले जो पहली बरसात के बाद से ही बो दी गई थी, अब पानी लगने से बर्बाद हो रही हैं। खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई भी खेतों में ज्यादा पानी लग जाने से कई जगहों पर बाधित है।
किसानों के लिए यह बीमा योजना काफी अच्छी है। बीमा के लिए लागत का दो फीसदी प्रीमियम किसानों को देना होगा। आपदा आने पर किसानों को सरकार उनके लागत की भरपाई करेगी। योजना के प्रचार-प्रसार की प्रक्रिया तहसील और ब्लॉक मुख्यालय पर शुरू हो चुकी है।
अरविंद कुमार चौधरी, जिला कृषि अधिकारी, गोरखपुर।
ऐसे में किसान इस बार फसल बोने से पहले ही फसल नुकसान को लेकर चिंतित हो चुका है। चिंता जायज भी है, क्योंकि किसानी ऐसी चीज है, जिसमें फसल बर्बाद होने पर सिर्फ लागत का ही नुकसान नहीं होता, बल्कि किसान का नेवाला भी छिन जाता है। शायद, यही कारण भी है कि ज्यादातर जागरूक किसान फसल बीमा की ओर आकर्षित हुए हैं। इस संबंध में विशेषज्ञ भी किसानों को फसल बीमा का लाभ उठाने की ही सलाह दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए किसानों को रबी और खरीफ दोनों सीजन में अलग-अलग प्रीमियम देना होगा। जो किसान बैंक से केसीसी के माध्यम से लोन लेते हैं उनका फसल बीमा खुद हो जाता है। हालांकि, आधार कार्ड को बैंक से लिंक करा चुके किसानों को ही बीमा का लाभ मिलेगा।
डॉ. संजय सिंह, कृषि उपनिदेशक, गोरखपुर।
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के फसल नुकसान को काफी हद तक भरपायी कर सकती है। अगर किसान खरीफ व रबी सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा करा लें तो उन्हें आपदा से डरने की जरूरत नहीं है। वहीं, कृषि अधिकारियों का कहना है कि शासन की ओर से खरीफ फसलों के बीमा के लिए 31 जुलाई और रबी फसलों के लिए 31 दिसंबर तक प्रीमियम कटौती की तिथि निर्धारित है।
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जानकारों की माने तो शासन की ओर से विभिन्न फसलों के लिए निर्धारित लागत का मात्र दो फीसदी ही प्रीमियम जमा करना है। जिला प्रशासन इस संबंध में किसानों को जागरूक भी कर रहा है। ताकि अधिक से अधिक किसान बीमा योजना का लाभ उठा सके।
प्रत्येक फसल का लागत मूल्य अलग-अलग निर्धारित
प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए शासन की ओर से फसलों का अलग-अलग लागत निर्धारित किया गया है। गोरखपुर में खरीफ फसलों के लिए प्रति एकड़ धान का लागत 19920 रुपये, मक्का के लिए 9190 रुपये, मूंगफली के लिए 9230 रुपये और अरहर के लिए 12290 रुपये निर्धारित है। इसी लागत का दो फीसदी प्रीमियम किसानों को जमा करना है। इसके अलावा केला, सब्जी सहित विभिन्न फसलों का लागत निर्धारित है। किसानों को रबी और खरीफ दोनों सीजन में फसलों का बीमा कराना होगा। बीमा कराने के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंश कंपनी के कर्मचारी ब्लॉक स्तर पर तैनात होंगे।
नियम में जटिलता भी बन रही बाधक
ब्रह्मपुर ब्लॉक के परसौनी गाँव निवासी गिरीश पांडेय (60 वर्ष) ने बताया, “ प्रधानमंत्री फसल बीमा का प्रचार-प्रसार नहीं होने से अधिकांश किसानों को इसके बारे में पता ही नहीं है, तो लाभ कैसे मिलेगा।” ब्रह्मपुर ब्लॉक के पिपरामनी निवासी रामप्रसाद मौर्या (65 वर्ष) ने बताया, “ सरकार की यह योजना तो अच्छी है पर जानकारी के अभाव में लाभ नहीं मिल पा रहा है।”
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बेलघाट ब्लॉक के बेलघाट गाँव निवासी जितेंद्र प्रताप शाही (50 वर्ष) ने बताया,“ बीमा योजना की जटिलता के चलते किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार को चाहिए की बीमा पालिसी को व्यक्तिगत आधार पर लागू किया जाएं। जिससे की जिस किसान की फसल बर्वाद हुई उसे उसका लाभ मिल सके। इसके लिए सरकार को नियम में परिवर्तन करने की दरकार है।”
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