Gaon Connection Logo

इसे ही कहते हैं किसानों की मेहनत पर पानी फिरना, तस्वीरों में देखिए सरकारी लापरवाही का नजारा

किसान

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। कृषि मंडी समिति परिसर के अंदर खुले में रखा गेहूं आखिकार बरसात की वजह से भीग ही गया। क्रय एजेंसियों की लापरवाही के चलते काफी दिनों से बोरियों में भरकर गेहूं खुले में रखा था।

लापरवाही के कारण खुले में रखा गेहूं भीग गया।

जिला मुख्यालय से करीब तीन किमी दूर नवीन कृषि मंडी समिति है। यहां गेहूं क्रय केंद्र भी खुले हैं। किसानों से खरीदकर गेहूं को टीनशेड के नीचे रखा गया है। काफी दिनों से टीन शेड के नीचे गेहूं रखने की जगह नहीं बची तो खुले मैदान में गेहूं की बोरियां रखवा दी गईं। बुधवार को दोपहर आई तेज आंधी की वजह से गेहूं की बोरियां भीग गईं। इससे काफी गेहूं भींग गया। इससे सरकार को काफी चपत लगने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही गेहूं भी खराब होने की बात भी कही जा रही है।

‘‘खुले में रखा गेहूं जरूर भीगा होगा। जो टीनशेड में गेहूं रखा था वही बचा होगा। गेहूं किसानों से खरीदा हुआ बरसात से भीगा है। छोटी मंडी है, सबसे बड़ा टीनशेड क्रय केंद्र प्रयोग कर रहे हैं जो आढ़तियों के पास है। गेहूं को सुरक्षित रखने की व्यवस्था हमारी नहीं है। जो खरीद केंद्र के जिम्मेदार हैं वह सुरक्षित कराएं। एफसीआई को गोदाम में रखना चाहिए।’’

डाॅ. आदित्य यादव, सचिव, कन्नौज उप मंडी समिति 

एसएमआई गोरखनाथ यादव ने मोबाइल पर बताया कि ‘‘बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। गेहूं को ढंकवा दिया गया था। बरसात भी अधिक नहीं हुई है।’’ वह आगे बताते हैं कि प्रतिदिन तीन-चार गाड़ी ही गेहूं को ले जाती हैं। इसलिए गेहूं मंडी में लगा है। यह जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर बसे छिबरामऊ मंडी समिति गोदाम में रखा जा रहा है।”

More Posts

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैन को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत...