#स्वयंफ़ेस्टिवल: कानपुर मंडल की इकलौती हेचरी पर किसानों ने जानें लाखों रुपए फायदा कमाने के टिप्स
Sanjay Srivastava 30 Dec 2016 3:50 PM GMT

स्वयं डेस्क/कम्युनिटी जर्नलिस्ट : अजय मिश्रा (32 वर्ष)
इंदरगढ़ (कन्नौज)। दांत किटकिटती सर्दी के बावजूद किसानों और मत्स्य पालकों ने हसेरन हेचरी पर मछली पालन और उसके फायदे की टिप्स जानी। कन्नौज जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर स्थित हसेरन में कानपुर मंडल की इकलौती हेचरी है। जहां स्वयं फेस्टिवल के तहत मछली पालन विशेषजों ने चौपाल लगाई।
देश के पहले ग्रामीण अखबार गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ पर 2-8 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के 25 ज़िलों में स्वयं फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। आपका शहर कन्नौज भी इन 25 जिलों में शामिल है। किसानों को आर्थिक रूप से सम्पन्न करने के लिए स्वयं फेस्टिवल 25 जिलों में ऐसे कई कार्यक्रम करा रहा है। आज स्वयं फेस्टिवल का तीसरा दिन (4 दिसम्बर) है।
चौथी वर्षगाँठ पर पूर्व निर्धारित प्रोग्राम के तहत कन्नौज के हसेरन में मत्स्य विभाग की ओर से हेचरी पर मत्स्य पालकों को फायदे और बारीकियां बताई गई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विभाग जीसी यादव ने किसानों को बताया कि मछली के 10 से 15 सेमी के बीज यानि बच्चे नौ महीने में 2 से 2.5 किलो के हो जाते हैं। जिससे मत्स्यपालकों को काफी फायदा होता है।
उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर तालाब में 10 हजार मत्स्य बीज डाले जाएं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ये भी बताया कि मछली बीज अब हसेरन हेचरी पर भी उपलब्ध हैं। यहां बीज पैदा किए जाने लगे हैं, किसानों को दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने हेचरी और तालाब का भ्रमण भी कराया। साथ ही मत्स्य पालन की प्रक्रिया भी समझाई।
जिलेभर से आए किसानों को जानकारी दी गई कि कानपुर मंडल की ये कन्नौज जिले की पहली हेचरी है जो 12 लाख रुपए में बनी है। गाँव कनेक्शन समाचार पत्र के बारे में कहा गया कि ये समाचार पत्र गाँव को जोड़ता है।
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