ललितपुर: यहां देखिए प्रधान और सचिव की कर्मठता, आबादी से चार गुना ज्यादा बनवा दिए राशन कार्ड 

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ललितपुर: यहां देखिए प्रधान और सचिव की कर्मठता, आबादी से चार गुना ज्यादा बनवा दिए राशन कार्ड अनियमितता के चलते कई गाँवों के लोगों के दो-दो कार्ड बन गए हैं।

अरविन्द्र सिंह परमार, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

ललितपुर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद बुंदेलखंड के पात्र परिवारों को राशन मिलने की आस जगी थी। कार्ड बनाते वक्त विभाग ने पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ देने की बात कही थी। इसके बावजूद अपात्रों को पात्र गृहस्थी कार्ड दे दिए गए। अनियमितता के चलते कई गाँवों के लोगों के दो-दो कार्ड बन गए हैं।

जिसके अंतर्गत मई के प्रत्येक शनिवार व रविवार को सत्यापन टीम के अधिकारी, कर्मचारी संबंधित ग्राम के सार्वजनिक स्थल पर बैठकर नए आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए एवं चस्पा की गई सूची पर आपत्तियां प्राप्त करेंगे। सत्यापन टीम द्वारा घर-घर जाकर प्राप्त सूची एवं फार्म से सत्यापन किया जाए।

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2003 के अंतर्गत जनपद में चयनित अन्त्योदय व पात्र गृहस्थियों का सत्यापन होगा। इसके अंतर्गत जो अपात्र शामिल हो गये हैं, उन्हें सूची से हटाये जाने एवं पात्र व्यक्तियों को सूची में शामिल किए जाने का निर्देश दिया है।
डॉ. रुपेश कुमार, जिलाधिकारी

जरूरतमंद पात्र वंचित हैं, अपात्र खाद्य सुरक्षा का फायदा ले रहे हैं। वहीं वेबसाइट के अनुसार, ललितपुर जनपद की 416 ग्राम पंचायतों में 1.87 लाख कार्ड पात्र ग्रहस्थी परिवारों के बने हैं। अन्त्योदय परिवारों के 24 हजार कार्ड हैं। कुल मिलाकर 2.07 लाख परिवारों में 8.27 लाख यूनिट को शासन से लाभ पहुंच रहा है।

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“प्रारम्भिक तौर पर कार्ड बनने के मानकों को नहीं देखा गया, प्रधान व सचिव ने आंख बंदकर फार्मों पर हस्ताक्षर कर दिए। वहीं कार्डों की फीडिंग हो गई। जिस वजह से जनपद के प्रत्येक गाँव में डबल कार्डों की संख्या में इजाफा हुआ।” ये कहना है ललितपुर जनपद से 48 किमी पूर्व दिशा महरौनी तहसील अंतर्गत क्योलारी गाँव के हरिसिंह लोधी (56 वर्ष) का।

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