कम लागत में घर पर ऐसे भी बना सकते हैं जैविक खाद 

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कम लागत में घर पर ऐसे भी बना सकते हैं जैविक खाद कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके पांडेय व जैविक खेती (प्रतीकात्मक फोटो)

किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिये विभिन्न तरह की रसायनिक खाद इस्तेमाल करते हैं। खेती में रसायनिक खादों के इस्तेमाल से फसल के साथ साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे में किसान जैविक उपचार अपनाकर अपनी फसल की पैदावार के साथ साथ जमीन की उर्वरता भी बढ़ा सकते हैं।

कैसे करें तैयारी

एक प्लास्टिक के ड्रम में गोबर (देशी गाय, भैंस का गोबर) डालकर इसमें गोमूत्र मिला लें फिर इसमें गुड़ (उपयोग में ना आने वाला गुड़) मिला लें। इसमें पिसी हुई दालों व लकड़ी का बुरादा डाल दें। आखिर में इस मिश्रण को एक किलो मिट्टी में सान लें।

खाद का सही मात्रा में बनाए मिश्रण

घर पर जैविक खाद बनाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थों की मात्रा। जैविक खाद बनाने के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए। ध्यान रखें की इस ड्रम पर धूप न पड़े। अच्छी खाद पाने के लिए इस घोल को प्रतिदिन एक बार अवश्य मिलाएं। 20 दिन बाद ये खाद बन कर तैयार हो जाएगी। यह खाद सूक्ष्म जीवाणु से भरपूर रहेगी खेत की मिट्टी की सेहत के लिये अच्छी रहेगी।

जैविक खाद में पाए जाने वाले जीवाणुओं का महत्व

इस जैविक खाद से ना केवल फसल जल्द विकसित होती है बल्कि फसल की जड़ों को आइरन भी भरपूर मात्रा में मिलता है। यह पौधे की जड़ों को नाइट्रोजन प्रदान करने में भी काफी मदद करता है। इसके अलावा जैविक खाद पौधे की जड़ों में कैल्शियम की सही मात्रा सुनिश्चित करता है

ओपिनियन पीस - ( डॉ. आरके पांडेय/कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र (बहराइच)


This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).


     

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