गाँव कनेक्शन फाउंडेशन और स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर ग्रामीणों को बांटीं दवाएं

Swayam Project

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

तिर्वा (कन्नौज)। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर उमर्दा ब्लाक क्षेत्र के इनायतपुर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। शिविर में मरीजों की जांच कर उनको दवा वितरित की गई। कुछ मरीजों को इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कालेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह दी गई।

रामविलास अपने सात साल के पुत्र सचिन को लेकर डाक्टर के पास पहुंचे। उन्होंने बताया, ‘‘साइकिल गिर जाने से हाथ में मोच आ गई है।’’ कैंप में सचिन को दवा दी गई और गुनगुने पानी से सिकाई करने की सलाह दी गई। वहीं शिविर में आए प्रमोद बाबू (60 वर्ष) ने बताया, ‘‘पेट में दिक्कत थी। गाँव में डॉक्टर आए हैं और फ्री दवा बांट रहे हैं, अच्छा लग रहा है।’’ वहीं इसी गाँव के राजीव अपनी मां उर्मिला को बाइक पर बैठाकर इस स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे।

स्वास्थ्य शिविर में जांच कराते लोग।

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उन्होंने बताया, ‘‘मां के पैर शून्य रहते हैं। नींद नहीं आती है। गाँव में डाॅक्टरों की टीम आई तो दिखाया है। इससे पहले वह नहीं दिखा सके। डाक्टरों ने सरकारी अस्पताल में शुगर आदि की जांच कराने की सलाह देते हुए दवाएं खाने को दी हैं।” नेहा शुक्ला (28 वर्ष) सात महीने के बच्चे को लेकर शिविर में पहुंचीं। नेहा ने बताया, ‘‘बच्चे को पेट में दिक्कत है। दवा नहीं लेने जा पा रहे थे। यहां कैंप में दवा मिल रही है। अच्छा लग रहा है।’’

रामबेटी (75 वर्ष) की आंखों में दिक्कत निकली। स्वास्थ्य विभाग के ज्ञानेंद्र कुमार ने आपरेशन कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क ऑपरेशन होंगे। साथ ही डायबिटीज की जांच कराने को भी कहा। वीरेंद्र कुमार (60 वर्ष) कहते हैं, ‘‘मेरी आंखों की जांच हुई है मोतियाबिंद बताया गया है। करीब 20 साल पहले आंखों में चोट भी लगी थी। उसमें भी दिक्कत है आपरेशन की सलाह दी गई है। शिविर में अपेक्षा हेल्प फाउंडेशन का भी सहयोग रहा।

महिला की जांच करती डॉक्टर।

क्या बोले स्वास्थ्य विभाग के लोग

डॉ. पवन श्रीवास्तव बताते हैं, ‘‘आप लोगों के एनजीओ के तहत कैंप लगाया गया था। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं आदि आए थे। जांच कर दवा दी गई है। डायबिटीज के भी मरीज आए थे। एक बच्चा जो बोल नहीं पा रहा था उसे मेडिकल कालेज तिर्वा, कन्नौज के लिए रेफर कर दिया गया है।’’ डॉ. शैली वाजपेई बताती हैं, ‘‘बीपी के मरीज अधिक मिले हैं।

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खान-पान में ध्यान देने की सलाह दी गई है। महिलाओं से कहा गया कि बच्चों को अपना दूध जरूर पिलाएं। कुपोषित बच्चों का भी इलाज कराते रहें। चिकनी चीजें न खाने की बात कही गई। मौसमी फलों का उपयोग करने की सलाह मिली है। महिलाओं में चेस्ट पेन की दिक्कत मिली है।’’ ज्ञानेंद्र कुमार ‘‘गाँव के बच्चे जो बीमार रहते हैं। मौसम का प्रकोप रहता है। कुछ मरीज आए थे, जिनको कम दिखाई देता है। कुछ मरीज सरकारी अस्पताल तिर्वा के लिए रेफर हुए हैं। यहां जांच कर दवाएं भी दी गई हैं।’’

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