दिल्ली से भी जहरीली मेरठ की हवा 

Sundar ChandelSundar Chandel   14 Nov 2017 4:08 PM GMT

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दिल्ली से भी जहरीली मेरठ की हवा साभार: इंटरनेट 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। स्मॉग के चलते सिर्फ दिल्ली वाले ही परेशान नहीं है, बल्कि मेरठ में भी कई इलाके ऐसे हैं जहां प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, गाँव रिठानी सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों जांच की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आए। बोर्ड के अनुसार पिछले पांच वर्षों में मेरठ में 40 से 50 फीसदी तक प्रदूषण बढ़ गया है।

बेगमपुल, केसरगंज इलाके में विभागीय जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आए। बेगमपुल पर वर्ष 2012 में रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पर्टिकुलर मैटर की मात्रा 124.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। जो नवंबर 2017 में 175 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई। यह दिल्ली और एनसीआर के प्रदूषित क्षेत्रों से भी ज्यादा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. बीवी अवस्थी बताते हैं, “सामान्य स्थिति में आरएसपीएम 60 ही होना चाहिए।”

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आरएसपीएम दो प्वाइंट पांच माइक्रोन होता है। यह सांस के जरिये शरीर में प्रवेश करता है और सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। यह शरीर के अन्य हिस्सों के लिए भी खतरनाक है। बीवी अवस्थी आगे बताते हैं, “स्मॉग में आरएसपीएम की कमी नहीं है, जिसके चलते लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं।”

ये भी मुख्य कारण

अपशिष्ट से जहर बनी काली नदी

काली नदी के चलते दौराला ब्लॉक के कई गाँवों का पानी पूरी तरह खराब हो चुका है। साथ ही कैंसर से दर्जनों लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसकी वजह नदी में आद्यौगिक इकाइयों द्वारा छोड़ा गया अपशिष्ट पदार्थ है। जांच में ऐसे तथ्य मिले हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। हवा को जहरीली बनाने में जितना योगदान वाहनों का है, उससे कम काली नदी का नहीं है।

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15 को बारिश होने की संभावना है। बारिश के बाद ठंड बढ़ जाएगी, वहीं स्मॉग से मुक्ति भी मिल सकेगी।
डॉ. एन सुभाष,मौसम वैज्ञानिक

डीजल वाहनों से ज्यादा प्रदूषण होता है, इसलिए सीएनजी को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए एनजीटी व प्रदेश सरकार को भी रिपोर्ट भेजी है।
डॉ. बीबी अवस्थी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी

सीएनजी को नहीं मिल रहा बढ़ावा

मेरठ में छह लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। अलर्ट के बाद भी परिवहन विभाग और पुलिस इन्हें चलने की छूट दे रहा है। एनजीटी के सख्ती के बाद मेरठ में वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यही नहीं मेरठ में अधिकृत सीएनजी रेट्रोफिटमेंट सेंटर भी नहीं है।

बचाव के उपाय

प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र में ज्यादा समय न गुजारें, घर से निकलते समय मूंह और नाक पर कपड़ा बांधे, बाहर से आने के बाद चेहरा साफ पानी से धोएं, हर रोज स्मॉग खत्म होने के बाद खुली हवा चलने के साथ योग करें।

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