रंग लाई नीतू की मुहिम, गाँव में घर-घर बन गये शौचालय

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रंग लाई नीतू की मुहिम, गाँव में घर-घर बन गये शौचालयगाँव में अब शौचालय के प्रति हो रहे जागरूक।

कम्यूनिटी जनर्लिस्ट: दीनानाथ

उसका बाजार (सिद्धार्थनगर)। किसानों को खेती का गुर सिखाने वाली नीतू अब गाँव को स्वच्छ बनाने की मुहिम में शामिल हो गयी हैं। आज उनके गाँव में ज्यादातर घरों में शौचालय बन गए हैं।

गाँव के हर घर में बनवाया शौचालय

सिद्धार्थ नगर जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर उसका बाजार ब्लॉक के बसावनपुर गाँव की नीतू सिंह अपने जिले में किसानों को तकनीक आधारित उन्नतशील खेती की जानकारी देती हैं, अब लेकिन अब उनके नाम के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। नीतू ने बिना ग्राम प्रधान की मदद से अपने गाँव के हर घर में शौचालय बनवा दिया है।

बस तब शुरू हुई गाँव को स्वच्छ बनाने की मुहिम

नीतू सिंह बताती हैं, "जिला पंचायतराज विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित श्रीवास्तव और संजय तिवारी गाँव में आए और कहा कि तुम्हें गाँव को स्वच्छ बनाने के लिए काम करना होगा। बस वहीं से मैंने काम की शुरुआत की।"

लोगों को जागरूक कर रही हैं नीतू

ग्रामीणों ने की नीतू (बाएं से तीसरे क्रम पर) की सराहना।

अब नीतू की गाँव में घूमकर ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरुक करना उनकी दिनचर्या हो गयी है। लोगों को शौचालय प्रयोग करने के लिए जागरुक करती हैं। पहले लोग शौचालय बनने के बाद भी नहीं प्रयोग करते थे, लेकिन अब प्रयोग करते हैं। वो बताती हैं, "शुरू में गाँव में जब शौचालय का बजट नहीं आया था, तब गाँव अस्थायी रूप से कई शौचालय बनाए थे, लेकिन अब गाँव में ज्यादातर घरों में शौचालय बन गए हैं।"

मुख्यमंत्री ने सम्मान से है नवाजा

छोटी सी उम्र में नीतू सिंह को कृषि क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे दो दिसम्बर को लखनऊ में स्वयं अवार्ड सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री से सम्मानित होने के बारे में बताती हैं, "सम्मान मिलने से अब जिले में मेरी अलग पहचान हो गयी है।"

50 से ज्यादा घरों में अब शौचालय

नीतू के प्रयासों से उनके गाँव में 50 से भी ज्यादा घरों में शौचालय बन गए हैं। नीतू अपने सामने लोगों के घरों में शौचालय बनावाती हैं। शौचालय बनाने के लिए ग्राम प्रधान भी इनके खिलाफ हो गया था। नीतू बताती हैं, "जब गाँव में लोगों के शौचालय आने लगे तो प्रधान ने मुझसे कहा कि ये मेरा काम है, मुझे अपने हिसाब से करने दो।"

बहन के साथ मिलकर किसानों को दे रही ट्रेनिंग

किसान परिवार मे जन्म लेने वाली नीतू सिंह ने किसानों के दर्द को बहुत करीब से देखा है। शायद इसीलिए नीतू सिंह ने किसानों की दशा बदलने के लिए कुछ अलग करने की ठानी। नीतू ने अपनी बहन के साथ मिलकर गाँव के लोगों विशेष कर महिलाओं से संपर्क कर उन्हे वैज्ञानिक खेती की ट्रेनिंग देना शुरू किया।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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