स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
इलाहाबाद। जमीनों की खरीद-फरोख्त के लिए शासन की ओर से निर्धारित होने वाला सर्किल रेट अब नए फार्मूले पर तैयार किया जा रहा है, जिसे अगस्त के पहले सप्ताह से लागू किया जाएगा। नए सर्किल रेट निर्धारण में औसत का फार्मूला लागू किया जाएगा।
जिसमें जिले के अलग-अलग हिस्सों में जमीन की खरीद-फरोख्त का औसत निकाल कर जमीनों का क्षेत्रवार नया सर्किल रेट जारी किया जाएगा। नया सर्किल रेट अगस्त से प्रस्तावित है, जिसके लिए राजस्व विभाग ने तहसील स्तर पर सर्वे का काम शुरू कर दिया है। सर्वे में क्षेत्र में जमीनों के बिक्री का मूल्य दर्ज किया जा रहा है।
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राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इसी आधार पर जमीनों का औसत मूल्य निकाला जाएगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि सर्किल रेट का मुख्य आधार जमीन का बाजार भाव होता है। जिले में सर्किल रेट को लेकर हमेशा विवाद खड़ा होता रहा है। किसानों की तरफ से जमीन की मूल्यों से कहीं अधिक तो कहीं कम होने का आरोप लगाया जाता रहा है।
जिसको ध्यान में रखते हुए जिले के लिए बनने वाले नए सर्किल रेट के निर्धारण में औसत का फार्मूला लागू करने का निर्णय लिया गया है। नए सर्किल रेट के लिए शुरू सर्वे के लिए जिले को कई हिस्सों में बांटा गया है। क्षेत्र विशेष में गत वित्तीय वर्ष के दौरान जमीन की खरीद किन मूल्यों पर हुई है, दर्ज कर औसत निकाला जाएगा।
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अनियमितता और गड़बड़ी दूर करने का दावा
जमीनों की खरीद-फरोख्त में व्याप्त अनियमितता और गड़बड़ी को रोकने के लिए नए सर्किल रेट की मांग काफी दिनों से चल रही थी। जिसे ध्यान में रखते हुए अगले माह से नए सर्किल रेट घोषित करने के लिए प्रयास शुरू हो गया है। शहर के पश्चिमी विधायक और स्टांप तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने सर्किट हाउस में बताया कि नए फार्मूले के आधार पर सर्किल रेट निर्धारण का आदेश दिया जा चुका है। इसके लिए सभी जिलों को शासनादेश भेज दिया गया है।
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया इससे जमीन खरीद-बिक्री में व्याप्त धांधली पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा सकेगा। जिले के एक ही क्षेत्र में जमीनों की अलग-अलग कीमत तय हो रहा था। इससे भू-स्वामियों में असन्तोष का भाव व्याप्त था।
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