सुंदर चंदेल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। शासन के आदेश पर प्रशासन ने गाँवों में जमीन के झगड़ों को खत्म करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत अब खतौनी में ही सभी खातेदार व सहखातेदारों के नाम दर्ज किए जाएंगे। इसके लिए जनपद की तीनों तहसीलों के सभी 712 गाँवों में सर्वे कराया जाएगा। यह सर्वे केवल खेती की भूमि के लिए कराया जाएगा, आवासीय जमीन का इससे कोई लेनादेना नहीं होगा।
जिलाधिकारी समीर वर्मा ने बताया, “उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 31 की उपधारा दो में अंकित शक्तियों का उपयोग करते हुए जनपद के सभी गाँवों की खतौनी में सहखातेदारों के नाम दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। खतौनी में दर्ज खातेदार, सहखातेदार व गाटे के अंशों का निर्धारण करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। सभी सर्किल लेखपाल 20 जून से 31 जुलाई के अंतराल में इस कार्य को पूरा करेंगे।”
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जमीनी झगड़े खत्म करने के लिए उठाया कदम
डीएम के अनुसार, खातेदार और सहखातेदारों में नाम दर्ज न होने पर विवाद खड़ा हो जाता है। इसके बाद मुकदमेबाजी होती है, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
इसी संदर्भ में यह भी बताया कि राजस्व निरीक्षक द्वारा ग्राम राजस्व समीति से परामर्श, स्थानीय जांच-पड़ताल के एवं पक्षों के मध्य सुलह के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण कर अंश निर्धारण करने की तिथियां एक अक्टूबर 2017 से 31 अक्टूबर 2017 निर्धारित की गई है।
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खातेदार व सहखातेदार की अनिस्तारित आपत्तियों को राजस्व संहिता की धारा 116 के अंतर्गत जिलाधिकारी को निर्णय के लिए अग्रसारित करने करने की तारीख एक नवंबर 2017 से 15 नवंबर 2017 निर्धारित की गई है।
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