स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
वाराणसी। जिले में 18 धान क्रय केंद्र खोले गये हैं, जो एक नवंबर से शुरू हो चुके हैं। लेकिन अभी तक वहां खरीद शून्य है। इसके पीछे सहकारी समितियों के सचिव की हड़ताल को वजह माना जा रहा था। फिलहाल सचिवों ने हड़ताल वापस ले ली है। अफसरों का कहना है कि सचिवों की हड़ताल से खरीद शून्य नहीं है। बल्कि पूर्वांचल में धान की कटाई चल रही है। 15 नवंबर के बाद धान आता है।
जनपद में 18 क्रय केंद्र खोले गए हैं। इसमें सदर तहसील में 7, पिंडरा में सात और राजातालाब में चार केन्द्र शामिल हैं। इस समय खाद एवं रसद विभाग के 4, पीसीएफ के आठ , यूपी एगो के चार, कर्मचारी कल्याण निगम के दो क्रय केंद्र हैं। सहकारी समितियों के प्रत्येक क्रय केंद्र पर लगभग 125 मीट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित है धान का समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति कुंतल तय किया गया है। किसानों को ढुलाई आदि के लिए प्रति कुंतल 15 अतिरिक्त मिलेंगे। क्रय केंद्र 28 फरवरी तक संचालित होंगे।
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सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता विनोद सिंह कहते हैं, “दो नवंबर को ही सचिवों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। आठ ब्लॉकों में धान क्रय केंद्र खोला गया है। क्रय केंद्र पर बेचने के लिए कोई किसान धान लेकर नहीं आया है। अभी पूरे पूर्वांचल में धान की कटाई चल रही है। उम्मीद है कि 15 नवंबर के बाद आने लगेंगे। फिलहाल धान की खरीद के लिए क्रय केंद्र पर तैयारी पूरी है। सभी केंद्रों पर बैनर पोस्टर लग गए हैं।”
दो नवंबर को ही सचिवों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। आठ ब्लॉकों में धान क्रय केंद्र खोला गया है। क्रय केंद्र पर बेचने के लिए कोई किसान धान लेकर नहीं आया है। अभी पूरे पूर्वांचल में धान की कटाई चल रही है। उम्मीद है कि 15 नवंबर के बाद आने लगेंगे।
विनोद सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक, सहकारिता
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