अनिल चौधरी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
पीलीभीत। जिले के एक लाख 33 हज़ार लघु व सीमांत किसानों के 835 करोड़ रुपए माफ़ किए जाने हैं। इस योजना को लागू करने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी से सॉफ्टवेयर तैयार कराकर बैंकों का डाटा फीड किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर जनपद में किसानों के ऋणमाफ़ी के लिए ‘फसल ऋण मोचन योजना’ शुरू की गई है। इसके तहत जिले के 95 हजार सीमांत किसान और 39 हजार लघु किसानों की जांच के बाद डाटा कृषि विभाग को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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प्रथम चरण में कर्ज़माफ़ी योजना के दायरे में आने वाले किसानों को चयनित किया जाएगा। इसके लिए बैंकों में डाटा फीडिंग से लेकर उसके सत्यापन तक का कार्य किया जाना है।‘फसल ऋण मोचन योजना’ के अंतर्गत केवल उन्हीं किसानों को लाभ मिलेगा, जिनके खाते में 31 मार्च 2016 को फसली ऋण बक़ाया था, यदि इस तिथि के बाद उसने पुराना ऋण जमा कर खाता रिन्यूवल कर लिया है तो ऐसे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
वहीं सभी किसानों के फसल ऋण के खाते उनके आधार नंबर से भी जोड़े जाएंगे, क्योंकि काफी किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक ही जमीन पर एक से अधिक फसली ऋण ले रखा है। कर्ज़माफ़ी के दायरे में आने पर ऐसे किसानों को दोबारा योजना का लाभ न मिल सके, इसके लिए शासन ने फसली ऋण खातों को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है।
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इस संबंध में जब कृषि उपनिदेशक डीबी सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया, “जनपद में शासन के निर्देशानुसार एक जुलाई से ‘फसल ऋण मोचन योजना’ शुरू कर दी गई। संबंधित विभागों के तालमेल से एनआईसी में डाटा फीड कराया जा रहा है। योजना के पात्र किसानों को जल्दी ही इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।”
कृषि उपनिदेशक डीबी सिंह ने बताया शासन के निर्देशानुसार 1 जुलाई से फसल ऋण मोचन योजना शुरू कर दी गई। संबंधित विभागों के तालमेल से एनआईसी में डाटा फीड कराया जा रहा है। योजना के पात्र किसानों को जल्दी ही इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
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