विनोद शर्मा, रोहित श्रीवास्तव स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
वाराणसी/बहराइच। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पशु चिकित्सालय की स्थिति जैसी होनी चाहिए, वैसी ही देखने को मिली। सोमवार को गाँव कनेक्शन की टीम करीब दस बजे सबसे पहले ब्लाक स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय एवं वीर्य केंद्र पहुंची। जहां पर सबसे पहला कमरा पशु चिकित्साधिकारी अरुण कुमार सिंह का है, लेकिन कुर्सी खाली थी।
पूछने पर वहां मौजूद फार्मासिस्ट वंशीधर सिंह बताते हैं, “साहब के परिवार में अचानक किसी की मृत्यु हो गई, इसलिए वे चुनार चले गए हैं। उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन करने पर टोटल चार कर्मचारियों के आने का समय लगभग आठ बजे दर्ज था।” बुखार से पीड़ित बकरी के बच्चे का इलाज कराने आए पशुपालक विवेक पाल (21 वर्ष) बताते हैं, “यहां के सभी कर्मचारी अच्छे हैं और बेहतर इलाज होता है। बहुत दूर से भी लोग यहां जानकारों के इलाज के लिए आते हैं।”
पशु चिकित्सालय परिसर खण्डहर में तब्दील
बहराइच। पशुओं के उपचार के लिए जाना जाने वाला चिकित्सालय की हालत बेहद ही जर्जर हो चुकी है। गाँव कनेक्शन की टीम जब पड़ताल करने यहां पहुंची तो निश्चित समय प्रातः आठ बजे पशु चिकित्सालय में न तो कोई कर्मचारी मौजूद था और न ही पशु चिकित्साधिकारी से मुलाकात हो सकी। बतातें चले किसी की उपस्थिति न होने पर पशु चिकित्साधिकारी से सम्पर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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