कम्युनिटी जर्नलिस्ट
रायबरेली। इसे बैंक कर्मचारियों की लापरवाही कहें या नोटबंदी का 5 महीने बाद भी असर कि ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के बैंकों व एटीएम में आज भी कैश की किल्लत बनी हुई है। बनिसबत यही हाल जिला मुख्यालय से पश्चिम दिशा में 35 किमी. दूर स्थित बछरावां ब्लॉक में भी बनी हुई है। क्षेत्रवासी एटीएम में नकदी न होने की समस्या से जूझ रहे हैं। बछरावां क्षेत्र में ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, इण्डियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम लगे हुए हैं, लेकिन ये सफेद हाथी ही साबित हो रहे हैं। इन एटीएम में कभी सर्वर न होने से या कभी रुपये न होने से किसानों, व्यापारियों व ग्रामीण जनता को लेनदेन में मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। नकदी न मिलने से किसानों की जोताई-बुवाई का कार्य भी प्रभावित होने लगा है।
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पड़ीरा निवासी अभिषेक प्रताप सिंह (35वर्ष) का कहना है,“ मैं 15 किमी. दूर से तीन दिनों से लगातार बछरावां पैसे निकालने आ रहा हूं, लेकिन कस्बे से सभी एटीएम खाली पड़े हैं। धान की बोवाई के लिए पैसे चाहिए, लेकिन पैसे का इंतजाम नहीं हो पा रहा है।”
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वहीं कन्नानां निवासी रमा शुक्ला (41वर्ष) का कहना है,“बीते दो दिनों से बैंक बंद होने के कारण धन निकासी नहीं हुई और एटीएम भी पैसे नहीं दे रहे हैं। नोटबंदी के बाद एक बार फिर नकदी का संकट पैदा हो गया है। कस्बे के सभी एटीएम खाली हो चुके हैं। वहीं बैंक में भी नकदी कम हैं।”
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