सुहानी गौतम, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
लखनऊ। किसी भी गाँव के लिए बिजली,पानी, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं जरूरी होती हैं। राजधानी का एक गाँव ऐसा है, जिसे इन सुविधाओं का इंतजार है।
जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर काकोरी ब्लॅाक के ग्राम पंचायत सकरा बदहाली के दौर से गुजर रहा है। लगभग एक हजार की आबादी वाले इस गाँव की चंद गलियों में एक दशक पहले का खड़ंजा लगा हुआ है,जो अब नाममात्र रह गया है जिसके एक ओर बनाई गयी नालियों में गंदगी है। सफाई कर्मी तो कभी कभार ही गाँव पहुचकर औपचारिकता निभाकर लौट जाता है।
सकरा बदहाली गाँव की रहने वाली शिवराजा (65वर्ष)का कहना है, “इस गाँव में विकास के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। बरसात में खराब रास्ते के चलते बच्चों का स्कूल तक जाना मुश्किल हो जाता है। ”
सकरा बदहाली के भाईलाल (55वर्ष)का कहना है, “राजधानी से सटे हुए इस गाँव में विकास की किरणें कोसों दूर हैं। कभी कोई अधिकारी गाँव में झांकने नहीं आता है। जो प्रधान के खास हैं सिर्फ उन्हीं लोगों के काम और उनका ही विकास होता है।”
गाँव में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए लगाए गए 20 इण्डिया मार्का हैण्डपम्प हैं, जिनमें से सात हैंडपम्प ऐसे हैं जिन्हें रसूखदार लोग सिर्फ व्यक्तिगत रूप से प्रयोग कर रहे हैं। शेष 13 हैंडपम्प में आठ नल खराब पड़े हैं। बाकी नलों में पीने लायक पानी नहीं आ रहा है।
गाँव से बाहर जाने वाले मुख्य मार्ग पर से जलियामऊ, सकरा, दोना, बहरु, कठिंगरा तक आवागमन चलता रहता है, लेकिन गाँव के अंदर आवागमन के लिए आरसीसी मार्ग नहीं बनाया गया है। अधिक आवागमन वाले खड़ंजा मार्ग में भारी गढ्ढे हैं। सकरा बदहाली के कढ़िले गौतम(55वर्ष)का कहना है,“ इस गाँव में शौचलय, रोड, शुद्ध पानी तथा सफाई की व्यवस्था तक नहीं है।”
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सर्वेश तिवारी का कहना है,“ गाँव में व्याप्त गंदगी और जनता से जुड़ी समस्याओं की जानकारी आप के द्वारा मिली है। गाँव में व्याप्त समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाएगा।”