स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
दुद्धी (सोनभद्र)। प्रदेश में बंद चल रहा बालू खनन एक बार फिर शुरू हो गया है, लेकिन सरकार द्वारा ई टेन्डरिंग के माध्यम से हुई बालू खनन शुरूआत सवालों के घेरे में आ गयी है।
कोतवाली क्षेत्र के पिपरडीह बालू साइड पर तो बीते नौ जून से बालू उठनी शुरू हो गयी। लेकिन कहाँ से बालू खनन करना है इसे लेकर अभी तक सीमांकन नहीं किया गया हैं। बिना सीमांकन खनन शुरू होने से लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि कहीं वैध खनन के नाम पर अवैध खनन तो नहीँ हो रहा है।
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क्षेत्र में जहां पहले मजदूर बालू लोडिंग करते थे, वहीं अब धड़ल्ले से पोकलेन मशीनों से लोडिंग करायी जा रही है। पोकलेन के इस्तेमाल से जलीय जीव जंतुओं पर खतरा मंडराने लगा हैं। वहीं बिना सीमांकन के बालू की उठान से स्थानीय लोगों में नाराज़गी है।
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश अग्रहरि बताते हैं, ‘बालू की खनन निर्धारित रकबे से नहीं हो रहा है। उठान के रकबे की पत्थर गढ़ी नदी में नहीं की गयी, जिससे यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि बालू का उठान वैध या अवैध हो रहा है।”
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ग्रामीणों ने अविलम्ब विभाग के द्वारा उठान रकबे की पत्थर गढ़ी की मांग की है तथा मजदूरों के द्वारा बालू की उठान की मांग की है। मौके पर मौजूद मुंशी से पोकलेन से बालू की उठान के बावत पूछा गया तो उसने बताया,“ मजदूर नहीं मिलने के कारण मशीन से उठान करायी जा रही है।”
उपजिलाधिकारी भानुप्रताप सिंह ने बताया, “खनन विभाग को पत्थर गढ़ी करा लेनी चाहिए और अवैध खनन को किसी भी स्तिथि में नहीं होने दिया जाएगा। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। यदि अवैध पाया जाता है तो तत्काल सख्त कार्यवाई किया जाएगी।”