कई गाँवों में धधक रही हैं कच्ची शराब की भट्ठियां

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कई गाँवों में धधक रही हैं कच्ची शराब की भट्ठियांकच्ची शराब की भठ्ठी (प्रतीकात्मक फोटो)

कम्युनिटी जर्नलिस्ट: सीताराम (अध्यापक)

कृष्ण कुमार इंटर कॉलेज, निगोही

निगोही (शाहजहांपुर)। आबकारी विभाग कितना भी दावा कर ले कि जिले में कच्ची शराब नहीं बन रही है, लेकिन जिले के कई गाँवों में कच्ची शराब की भट्ठियां धधक रही हैं। जिले के निगोही ब्लॉक के छतैनी गाँव के 15 घरों में कच्ची शराब बनाने के लिए एक-एक घर में चार-चार भट्ठियां चल रही हैं, इससे गाँव के लोगों को परेशानी होती है। यही नहीं शराब से गाँव की लड़कियों के साथ घटनाएं भी बढ़ रही हैं।

गाँव में बढ़ी है छेड़खानी

"पिछले तीन सालों से यह भट्ठियां बिना किसी डर के चल रही हैं। भट्ठियों से बनने वाली शराब को छोटे-छोटे बच्चे भी बेचते हैं।" अध्यापक राजपाल सिंह (25 वर्ष) बताते हैं कि गाँव में कई बार शराब पीकर लोगों ने लड़कियों के साथ बदतमीजी की है, जिस वजह से लड़कियों का निकलना कम हो गया है, वो अकेले कहीं आ जा नहीं सकती। बदनामी के कारण अभिभावक लड़कियों के साथ वाली बदतमीजी को छुपा लेते हैं।"

आस-पास के और भी गाँव भी चपेट में

लगभग दो हजार आबादी वाले गाँव की मुख्य समस्या यही है। इसके लिए शिकायत भी की गई थी। गाँव में पुलिस भी आई, लेकिन पैसे का लेन-देन होकर भट्ठियां फिर से चलने लगीं। चुनावों और त्योहारों में यहां और ज्यादा गुंडागर्दी होती है। यह समस्या छतैनी गाँव में ही नहीं, बल्कि बुंलदपुर, गद्दीपुर, मियांपुर समेत कई गाँव में अवैध कच्ची शराब बनाने का काम चल रहा है।

जुआ खेलते हैं और करते हैं गाली गलौज

छतैनी गाँव में रहने वाले अनूप कुमार सिंह (19 वर्ष) बताते हैं, "जहां शराब बनती है वहीं पर हर समय में पांच-दस लोग बैठे रहते हैं। जुआ खलते हैं, गाली गलौज करते हैं और लड़कियों से भी गलत बोलते हैं।" निधि यादव (18 वर्ष) बताती हैं, "घर में कई बार बताया है कि भट्ठी पर बैठे लोग गंदा बोलते हैं, पर घर पर बोला जाता है कि सुन लिया करो ध्यान मत दो। कोई भी नहीं बोलता है। हमारे साथ स्कूल आने वाली लड़कियों को दिक्कत होती है।"


This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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