नवनीत अवस्थी, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
पाटन (उन्नाव)। सूबे में भाजपा के सत्ता में आने के बाद एक्शन में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की बदहाल सड़कों को हर हाल में 15 जून तक गड्ढामुक्त करने की घोषणा की थी, जिससे खराब सड़कों पर जोखिम भरा सफर कर रहे लोगों में आरामदायक सफर को लेकर नई उम्मीद जगी थी। लेकिन समय बीतने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों व ठेकेदारों की जुगलबंदी लोगों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फेरती दिख रही है।
घोषणा अवधि पूरा होने में कुछ दिन समय बाकी है, लेकिन भगवन्तनगर विधानसभा क्षेत्र की जर्जर अवस्था में पड़ी कई प्रमुख सडक़ों की तस्वीर जस की तस बनी हुई है। क्षेत्र को राजधानी से जोडऩे वाला बिहार मौरावां मार्ग, सुमेरपुर वाजिदपुर मार्ग, पड़ोसी जनपद रायबरेली को जोड़ने वाला बिहार खुष्ठी मार्ग, बिहार गौरा आदि कई ऐसे मार्ग हैं जो अब तक मरम्मत की बाट जोह रहे हैं।
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बिहार मौरावां मार्ग का बरूआ तक का 11 किमी भाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुआ था, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के चलते बनने के साथ ही सडक़ उखड़ गई थी। स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत किए जाने पर अनुरक्षण अवधि में होने के बावजूद आज तक सड़क की मरम्मत नहीं हो सकी।
स्थानीय निवासी मुन्ना सिंह (35वर्ष) का कहना है, “योगी का गड्ढामुक्त सड़क का फरमान जारी होने के बाद इसके भी मरम्मत के आसार लग रहे थे, लेकिन प्रशासन द्वारा सुध नहीं ली जा रही। वहीं ठेकेदार की कारगुजारी का खामियाजा राहगीरों को गहरे गड्ढों के बीच जोखिम भरा सफर कर भुगतना पड़ रहा है।”
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बजरंग बहादुर (61वर्ष) का कहना है, “बारिश के मौसम में स्थित और भयावह होना तय है। करीब एक वर्ष से गड्ढों से पटी पड़ी बिहार से गौरा तक सडक़ पर गड्ढों की पैचिंग मानक विहीन मैटेरियल से की जा रही है। सुमेरपुर वाजिदपुर मार्ग से सडक़ गायब हो चुकी है। सड़क पर गहरे गड्ढे यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। इस मार्ग को भी अभी तक मरम्मत का इंतजार है।”
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