शामली में किसानों का मिल मालिकों का अल्टीमेटम, उखाड़ा कांटा, कहा-भुगतान नहीं तो गन्ना नहीं

शामली में किसानों का मिल मालिकों का अल्टीमेटम, उखाड़ा कांटा, कहा-भुगतान नहीं तो गन्ना नहींपश्चिमी यूपी में कई चीनी मिलों में किसानों के पिछले वर्ष का भुगतान नहीं किया है। फोटो फाइल

अजेंद्र मलिक, कम्यूनिटी रिपोर्टर

शामली। गन्ने के बकाया को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शामली में एक मिल द्वारा पैसे का भुगतान न करने पर किसानों ने इस बार गन्ना खरीद के लगाया गया उसका कांटा उखाड़ दिया।

शामली में तीन चीनी मिलें हैं तब सैकड़ों का गन्ना मुजफ्फरपुर की तितावी चीनी मिल में भी जाता है। वैसे तो सभी मिलों पर किसानों का करोड़ों रुपया बाकी है लेकिन तितावी पर सबसे ज्यादा है। किसानों के मुताबिक किसी ने 50 फीसदी तो किसी ने 70 फीसदी तक किसानों का भुगतान कर दिया है लेकिन तितावी ने सिर्फ 10 दिनों के गन्ने का भी भुगतान किया है। चीनी मिल ने इस बार भी गन्ना खरीद की तैयारी शुरु कर दी है। जगह-जगह तौल के लिए कांटे लगाए जा रहे हैं। लेकिन कई जगह मिल मालिकों को किसानों का विरोध सहना पड़ रहा है। बाबरी थाना के कासमपुर में किसानों ने तितावी मिल के तौल के लिए लगाया जा रहा कांटा उखाड़ दिया।

शामली के कासमपुर गांव में किसानों ने उखाड़ दिया कांटा। फोटो अजेंद्र मलिक

गांव के किसानों ने मंगलवार की शाम को गांव में ऐलान कराकर सभी किसानों को बुधवार की सुबह साढ़े नौ बजे कांटे पर इकठ्ठा होने को कहा। बुधवार की सुबह गांव के कई दर्जन किसान और युवा कांटे पर इक्कट्ठा हुए तो किसानों ने चौकीदार को धमकी दी। मौके पर पहुंचे केन इंस्पेक्टर सुनील कुमार और सुपरवाइज सुरेश मलिक ने किसानों को समझाने की कोशिश भी लेकिन किसानों ने बात मानने से इनकार कर दिया। किसानों का कहना था पहले का बकाए का भुगतान कराओ। जब बकाया नहीं मिल जाता गन्ना नहीं देंगे। बकाया न मिलने के किसान काफी परेशान हैं।

करौदा हांथी गांव निवासी सत्यवीर सिंह ने पिछली बार इस मिल को एक लाख 20 हजार का गन्ना दिया था लेकिन उन्हें एक पैसा अब तक नहीं मिला। वो बताते हैं, “10 बीघे में गन्ना था सब मिल को दे दिया था अब पैसे नहीं मिलेंगे तो आगे की खेती-बाड़ी और घर कैसे चलेगा।” वहीं इसी गांव के कालूराम का 2 लाख 60 हजार रुपया बाकी है। गांव चुनसा के नरसिंह का तीन लाख, धीरजपाल का 40 हजार बाकी है। ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है। किसानों के मुताबिक तितावी चीनी मिल पर करोड़ों रुपया बाकी है।

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