लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने से शिक्षा मित्र आहत है।प्रदेश में जगह जगह शिक्षा मित्रों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे है। भाजपा कार्यालय और बी.एस.ए. के आफिस में प्रदर्शन करने के बाद जब शिक्षामित्रो को कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो आज लखनऊ जनपद के सैकड़ो की संख्या में शिक्षा मित्रों ने लोकप्रिय और जन सरोकार संबंधित मुद्दों पर संघर्ष करने के लिए विख्यात मोहनलाल गंज के भाजपा सांसद कौशल किशोर के आवास पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों में निराशा दौड़ गयी है। पिछले 17 वर्षों से शिक्षा मित्र इस उम्मीद पर न्यूनतम मानदेय पर कार्य कर रहे थे कि कभी न कभी सरकार उन्हें स्थायी नियुक्ति देगी या मानदेय बढ़ाया जाएगा। जनपद लखनऊ में कुल 2300 शिक्षा मित्र कार्यरत है जिनमे से 900 शिक्षा मित्रों का समायोजन हुआ था।
शिक्षा मित्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सिंह भदौरिया ने बताया कि पिछले 17 वर्षों से कार्य कर रहा हूँ। 2250 रुपये से मानदेय 17 वर्षो में सिर्फ 3500 रुपये तक ही पहुंचाहै। इतनी महंगाई में 3500 रुपये मासिक में दिहाड़ी मजदूर भी नही मिलता ,सरकार को शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए सरकार से हमारी मांग है कि जो शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बने है उन्हें नियमो में कुछ छूट दी जाए व 1 लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों की आजीविका को दृष्टिगत रखते हर सरकार कोई विकल्प निकाले। क्योंकि प्रश्न सिर्फ एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों का नहीं है बल्कि इससे 1 लाख 72 हजार परिवार प्रभावित हो रहे है।
इस विषय पर सांसद कौशल किशोर ने कहा कि अभी मैं मौके पर नही पहुंचा हूँ, मुझे जानकारी हुई है मीटिंग खत्म करने के बाद पहुँच कर देखता हूं,शिक्षा मित्रों का पक्ष सुना जाएगा।
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