जेब में मिले सिम से अमन को दोबारा मिला मां का सहारा 

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जेब में मिले सिम से अमन को दोबारा मिला मां का सहारा प्रतीकात्मक फोटो साभार: गूगल।

स्वयं डेस्क

फतेहपुरचौरासी (उन्नाव)। हरदोई जनपद में रहने वाले 12 वर्षीय बच्चे ने मां की डांट से आहत होकर जब घर छोड़ा था तो उसे इस बात की जरा सी भी उम्मीद नहीं थी कि वह दोबारा अब घर कब पहुंच पाएगा। घर से 100 किलोमीटर की दूरी तक का सफर करने के बाद एक सिम ने उसे दोबारा अपनी मां से मिला दिया।

भूखा और रोता-बिलखता मिला बच्चा

एक सप्ताह पूर्व क्षेत्र के झुलूमऊ गांव में रहने वाली रूपाना पत्नी गौरीशंकर को बांगरमऊ के निकट बस में एक 12 वर्षीय बच्चा रोता हुआ मिला था। रूपाना के पूछने पर उसने भूख लगने की बात कही। ऐसे में रूपाना ने उसे बिस्किट खिलाया। इस बीच जब रूपाना ने बच्चे के घर का पता पूछा तो वह अपने नाम के सिवाय कुछ नहीं बता सका। जिस पर वह बच्चे को घर ले आई। यहां उसने एक सप्ताह तक उसकी लगातार देखभाल की।

जब रुपाना धो रही थी बच्चे के कपड़े

रूपाना के अनुसार, बच्चे का नाम अमन है। एक दिन वह बच्चे के कपड़े धुल रही थी, तभी उसकी जेब में एक सिम मिला। सिम में मिले नंबरों पर जब उसने संपर्क किया गया तो अमन के परिजनों की जानकारी मिल सकी। बच्चा हरदोई जनपद के थाना अरवल के ग्राम कुचिला का रहने वाला था। परिजनों ने बताया कि मां की डांट से क्षुब्ध होकर बच्चा घर से भाग गया था। जिसके बाद से वह उसकी तलाश कर रहे थे। बच्चे के सुरक्षित होने की जानकारी मिलते ही परिजन सीधे थाने आ पहुंचे।

जब बच्चे ने अपनी मां को देखा...

जहां जब बच्चे ने अपनी मां को देखा तो वह उससे चिपककर रोने लगा और अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी। अमन का कहना था कि उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह दोबारा मां से मिल पाएगा। इस बीच अमन की मां ऊषा भी अपने जिगर के टुकड़े की एक सप्ताह तक देखभाल करने वाली रूपाना के पैरों पर गिर पड़ी और उसे धन्यवाद दिया। ऊषा के अनुसार, उसने थाने में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि अरवल पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद बच्चे को परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। बच्चे को उसके परिजनों के सुपुर्द करने से पहले पुलिस कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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