#स्वयंफ़ेस्टिवल: सीतापुर के एक गाँव की महिलाओं ने घूंघट उठाकर सीखा गूगल से इंटरनेट

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   4 Dec 2016 4:02 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
#स्वयंफ़ेस्टिवल: सीतापुर के एक गाँव की महिलाओं ने घूंघट उठाकर सीखा गूगल से इंटरनेटसीतापुर जिले के ब्लाक महोली के मलहपुर चौबे गाँव में हुआ गूगल और टाटा ट्रस्ट का इंटरनेट सीखो कार्यक्रम।

सीतापुर। गाँव की वह महिलाएं जो आज तक सिर्फ घर गृहस्थी में जूझती रहती हैं और घर कैसे सहूलियत से चले इसके लिए पैसे की गुणा भाग करती रहती हैं वो अब मोबाइल पर इंटरनेट चलाती दिख जाएगी। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं, यह संभव हो रहा है स्वयं फ़ेस्टिवल के कार्यक्रम में गूगल के सहयोग से।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ठीक 120 किलोमीटर दूर सीतापुर जिले के ब्लाक महोली का मलहपुर चौबे गाँव, यह लखीमपुर जिले से लगा हुआ है, यहां सिर्फ सब्जियों की खेती होती है उसमें भी यह टमाटर के लिए यह फेमस है, वहां पर गूगल और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से गाँव की महिलाओं को इंटरनेट सीखने के फायदे बताए गए। जरिए बना एक नुक्कड़ नाटक।

देश के पहले ग्रामीण अखबार गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ पर 2-8 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के 25 ज़िलों में स्वयं फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। स्वयं फ़ेस्टिवल के तहत सीतापुर में कई कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। आज स्वयं फ़ेस्टिवल का दूसरा दिन (3 दिसम्बर) है।

मलहपुर चौबे गाँव में शाम चार बजे से करीब 500 लोगों की भीड़ जुट गई थी यह देखने के लिए कि इंटरनेट क्या बला है। इस भीड़ में करीब 200 उत्साही महिलाएं शामिल थी। इनमें बच्ची से लेकर उम्रदराज महिलाएं शामिल थी। कुछ आज के वक्त में भी घूंघट में थी। तकरीबन 60 से 70 युवा लड़कियां भी थी, जो पढ़ रहीं थी।

उनको इंतजार था नुक्कड़ नाटक का, जिसमें यह बताया जाना था कि इंटरनेट को कैसे आप अपना दोस्त बना सकते हैं, उससे आपको क्या फायदे हैं।

इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर ग्रामीण महिलाओं को इंटरनेट के जरिए मजबूत बनाने के लिए 'इंटरनेट साथी' नामक एक अनूठी परियोजना शुरू की है। आज ग्रामीण भारत में इंटरनेट यूज़र में केवल 12 प्रतिशत महिलाएं हैं। देश में दस में से महज एक महिला ही इंटरनेट की जानकारी रखती हैं। 'इंटरनेट साथी' से प्रशिक्षित होने के बाद ग्रामीण महिलाएं मोबाइल के जरिए खेती-किसानी, अपने व परिवार के स्वास्थ्य व बच्चों की शिक्षा जैसी सेवाएं और विभिन्न सरकारी योजनाओं तक अपनी पहुंच बना सकती हैं।

शाम साढ़े चार बजे आखिरकार नुक्कड़ नाटक शुरू हुआ। जिसमें गूगल के सहयोगी नाटक के जरिए ग्रामीणों को खासकर महिलाओं को बताया कि अब आपको किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए दर दर भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि यदि आपके पास मोबाइल है या आपके घर में मोबाइल है जिसमे इंटरनेट चलता हो तो सारी जानकारी घर बैठे मिल जाएगी। आप अपने बच्चों का भविष्य संवार सकते है उनके लिए बेहतर शिक्षा का माध्यम आप इंटरनेट को बना सकते हैं।

नुक्कड़ नाटक के जारिए ग्रामीणों को इंटरनेट व पेटीएम की उपयोगिता समझाते गूगल-टाटा ट्रस्ट के लोग।

नुक्कड़ नाटक के जरिए ग्रामीणों को बताया कि आप सब खेती करते हैं मगर कौन सी नई तकनीकी आई, बीज की नई प्रजाति, खेती किसानी की नई योजना, नए कृषि यंत्र कौन आए, पता नही चल पाता है। आप मेहनत से फसल पैदा करते है मंडी भाव नही जानते हैं। पर यह सब संभव हो जाएगा बस आप इंटरनेट सीख लें। इसके बाद यह सभी कुछ आप इंटरनेट से प्राप्त कर सकते है। इसके लिए ज्यादा पढ़ा लिखा होना भी जरूरी नहीं, इसमें हिंदी बोल कर भी आप अपनी जानकारी को जुटा सकते हैं और हिंदी में लिखकर भी।

इस कार्यक्रम में पेटीएम के जरूरत के बारे में बताया गया कि पेटीएम, जेब में पैसा न होने के बाद भी अगर आपके बैंक के खाते में पैसा है तो कहीं भी उसका उपयोग कर सकते हैं।

गाँव की महिलाओं और लड़कियों से जब इस बारे में पूछा गया कि क्या वे इंटरनेट सीखना और सिखाना चाहती है तो कई महिलाओं और लड़कियों ने हाथ उठाकर हामी भरी। गाँव कनेक्शन प्रतिनिधि ने गूगल टीम से अपील की कि यह मुहिम बंद नहीं होनी चाहिए। इंटरनेट सीखने की इच्छुक महिलाओं और लड़कियों का नाम गूगल को बताने के लिए गाँव की दो लड़कियों का चयन किया गया। ये दोनों लड़कियां इन नामों को प्रतिनिधि को सूचित करेंगी। अगले रविवार यानी 11 को 'इंटरनेट साथी' आकर इन सभी को इंटरनेट सिखाएंगी।

सीतापुर जिले के ब्लाक महोली का मलहपुर चौबे गाँव में इस वक्त 10 इंटरनेट साथी सक्रिय हैं।

इण्टरनेट साथी कार्यक्रम के जरिए यूपी में 27 हजार गाँवों की 40 लाख महिलाओं को करेंगे शिक्षित

उत्तर प्रदेश के 33 जिलों मसलन,आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, आजमगढ़, बहराइच, बाराबंकी, बस्ती, बुलन्दशहर, फैजाबाद, फतेहपुर, गोरखपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली, सुल्तानपुर, वाराणसी, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, बलिया, महराजगंज, संतकबीरनगर, जौनपुर, कानपुर नगर, कौशाम्बी, मैनपुरी, मिर्जापुर, संतरविदास नगर, सीतापुर, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर एवं उन्नाव के 27 हजार गाँवों की 40 लाख महिलाओं को इण्टरनेट साथी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाना है।

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.