शौचालय बिना महिलाओं की जिंदगी श्राप समान

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शौचालय बिना महिलाओं की जिंदगी श्राप समानमहिलाएं खुले में शौ्च जाने को हैं मजबूर। (फोटो साभार: गूगल इमेज)

छात्रा पत्रकार- ममता साहनी, कक्षा-12, कालेज: जय किसान इण्टर मीडिएट कालेज सनई सकतपुर, सिद्धार्थनगर

नौगढ़ (सिद्धार्थनगर)। एक तरफ केन्द्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान चलाकर गाँवों में स्वच्छता अभियान चला रही है, लेकिन वहीं कई गाँवों में अभी एक भी शौचालय नहीं बन पाए हैं।

नौगढ़ विकास खण्ड के ग्राम पारा नानकार की लड़कियों व महिलाओं का जीवन शौचालय के बिना किसी श्राप से कम नहीं है। पिछले पांच साल से यहां शौचालय निर्माण में प्रधान द्वारा मनमानी करने से ग्रामीणों को खुले में शौच करना पड़ रहा है।

पारा नानकार गाँव के रमेश गौड़ कहते हैं, "पारा नानकार में बीते पांच साल के दौरान विकास कार्यों का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला। यहां तक की शौचालय की शीर्ष प्राथमिकता वाली योजना भी गाँव तक नहीं पहुंच पायी।। मजबूरन गाँव के महिलाओं को सड़क पर शौच के लिए जाना पड़ता है। इससे होने वाली गंदगी के चलते पूरे गाँव में बीमारियों का प्रकोप फैला रहता है।" लापरवाही का आलम इतना है कि मच्छरों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव भी नहीं होता है। एक सड़क बनवाई गई तो वो भी आधी-अधूरी छोड़ दी गई। नालियां ना बनी होने के कारण गाँव में गंदा पानी फैलता है।

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."


  

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