#स्वयंफेस्टिवल: कृषि चौपाल में 2000 किसानों ने जाने आधुनिक खेती के गुर

Arvind ShukklaArvind Shukkla   8 Dec 2016 2:14 PM GMT

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#स्वयंफेस्टिवल: कृषि चौपाल में 2000 किसानों ने जाने आधुनिक खेती के गुरबाराबंकी में कृषि चौपाल के दौरान किसानों को ड्रिप सिंचाई के बारे में जागरूक करते।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: वीरेंद्र शुक्ला

बाराबंकी। राजधानी से लगभग 60 किमी दूर स्थिक बेलहरा कस्बे में किसानों के लिए कृषि चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में कृषि विशेषज्ञों और अधिकारियों ने परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती करने का सुझाव दिया। इस मौके पर लगभग 2000 किसान यहां मौजूद रहे। वहीं, इस मौके पर किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में भी जाना। इसके साथ ही सोलर पम्प और अन्य खेती संबंधी उपकरणों पर सब्सिडी पाने से मिलने वाली सुविधा की जानकारी दी। बता दें कि कृषि चौपाल का कार्यक्रम गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 2 से 8 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में मनाए जा रहे स्वयं फेस्टिवल के तहत किया गया। स्वयं फेस्टिवल के तहत एक सप्ताह में 1000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

350 किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण

इस दौरान कृषि विभाग की ओर से लगभग 350 किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया। पंजीकरण के लिए किसानों ने अपने पहचान पत्र के साथ खेत की खतौनी, बैंक की पासबुक और मोबाइल नंबर दिया। बागवानी के तहत किसानों ने फल और फूल के पौधों के लिए अलग से पंजीकरण कराया। क्षेत्र में मृदा परीक्षण भी कराया गया। इसमें किसानों को बताया गया कि अच्छे उत्पादन के लिए खेत की मिट्टी का होना अति आवश्यक है। खेती के संबंध में विशेष और विस्तार में जानकारी के लिए सभी किसानों को लिट्रेचर बांटे गए। इसके साथ वार्षिक कैलेंडर भी दिए गए।

किसानों ने जाना ड्रिप सिंचाई के बारे में

कृषि उपनिदेशक एसपी सिंह ने जल संरक्षण की अहमियत को बताते हुए किसानों को ड्रिप सिंचाई के लिए जागरुक किया गया। उन्होंने सिंचाई की इस आधुनिक विधि की विस्तृत जानकारी किसानों को दी। इसके साथ ही बागवानी विभाग (उद्यान विभाग) के डॉ जयकरण सिंह ने किसानों को बागवानी क्षेत्र में उत्पादन करने के लिए उन्हें प्रेरित किया।

बेहतर उत्पादन के गुर सिखाए

कृषि चौपाल में हॉन्डा पावर कम्पनी की तरफ से किसानों को खेती के आधुनिक उपकरणों के उपयोग से बेहतर उत्पादन करने के गुर सिखाए गए। कार्यक्रम में कम्पनी की ओर से पोर्टेबल वॉटर पम्पिंग प्रणाली के उपयोग और उसकी विशेषताओं के बारे में भी बताया गया। इस आधुनिक तकनीक के जरिए छोटे किसान जिनके पास कम जमीन है, आसानी से अपने फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। लगभग 300 किसानों ने इस तकनीक में दिलचस्पी दिखाई। कम्पनी ने अधिकारियों ने इसका लाइव डेमो भी किसानों को दिया।

उपकरण को उपयोग करने की विधि भी बताई

उपकरण को खेत में ले जाकर उसके उपयोग करने की विधि को विस्तार से बताया। इसके अतिरिक्त प्रति ट्रैक्टर का भी प्रचार-प्रसार किया गया। किसानों को बताया गया कि यह भारी ट्रैक्टर है जो किसानों के लिए खेती में बेहतर तरीके से काफी कारगर सिद्ध हुआ है। विकासखण्ड फतेहपुर के छतवारा गांव के जुगल किशोर शुक्ला ने बताया कि यह ट्रैक्टर छोटे खेतों में अच्छा काम करता है और किसानों के लिए लाभदायक है। किसानों ने अन्य उपकरणों के साथ ऑटोमेटिक लेवलर के बारे में जाना। जैन इरिगेशन कम्पनी ने भी इस दौरान किसानों से सिंचाई संबंधी और अन्य सरकारी जानकारियां साझा की।

अश्व प्रजाति के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर भी

बेलहरा कस्बे के आस-पास के क्षेत्र में कई ईंट के भट्टे हैं। यहां सैकड़ों घोड़े, गधे और खच्चर काम के लिए लाए जाते हैं। इन सभी के लिए ब्रूक्स इंडिया के सहयोग से मेडिकल कैंप लगाकर उनके स्वास्थ्य के प्रति सजगता दिखाई गई। अश्व प्रजाति पशु कल्याण लखनऊ की ओर से पशुओं के कल्याण के लिए जागरुकता कैम्प के साथ घोड़ों के लिए हेल्थ कैम्प लगवाया गया। इस अवसर पर परियोजना प्रबंध आशीष सिंह भी शामिल रहे। इस कैम्प में घोड़ों की जांच के साथ लगभग 12 घोड़ों का इलाज किया गया। क्षेत्र में लगभग 200 घोड़े हैं, जिन्हें व्यापारी अपने व्यापार के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आधुनिक संसाधनों की वजह से बग्घी और तांगों की मांग में कमी आ रही है। क्षेत्र के पशुपालकों को भी पशुओं की उचित देखभाल के साथ उनके स्वास्थ्य के बारे में उपयोगी जानकारी दी गई। इस अवसर पर घोड़ों की नाल लगाने का प्रशिक्षण भी पशुपालकों को दिया गया।

बच्चों ने भी सीखे खेती के गुर

युगान्तर विद्या मंदिर, यूनीक पब्लिक स्कूल, हिंद मॉन्टेसरी स्कूल और शारदा विद्या मंदिर के लगभग 300 छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर खेती संबंधी गुर जानें। इसके साथ ही अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्य के जरिेए छात्र किस तरह सफलता हासिल कर सकते हैं, इससे संबंधित जानकारी देकर सामाजिक कार्यकरता प्रदीप सारंग ने छात्रों का मार्गदर्शन किया। करियर काउंसलर ने छात्रों को शिक्षा के साथ खेती संबंधी जानकारी दी। किसानों को बताया गया कि किसान खेती के क्षेत्र में भी शिक्षा प्राप्त करके रोजगार का अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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