#स्वयंफेस्टिवल: रायबरेली के शीलू और डिम्पी ने बनाई अलग पहचान, मिला सम्मान

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#स्वयंफेस्टिवल: रायबरेली के शीलू और डिम्पी ने बनाई अलग पहचान, मिला सम्मानस्वयं फेस्टिवल के सातवें दिन कार्यक्रम के दौरान आल्हा गायिका शीलू को सम्मानित करतीं एसओ सोनी शुक्ला।

स्वयं डेस्क

रायबरेली। रानी लक्ष्मीबाई न सही, लेकिन रानी लक्ष्मीबाई जैसी शख्सियत रखने वाली दो लड़कियां जिन्होंने संघर्ष कर अपनी पहचान ही नहीं बनाई, बल्कि लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया और रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार विजेता बनी। गांव कनेक्शन स्वयं फेस्टिवल का हाथ थाम कर रायबरेली की लड़कियों और ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित भी किया। जिसमें एक नाम आल्हा गायक शीलू राजपूत और दूसरी है कराटे चैम्पियन डिम्पी यादव का है। बता दें कि गाँव कनेक्श्न की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में 2 से 8 दिसंबर तक मनाए जा रहे स्वयं फेस्टिवल के तहत 1000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

आल्हा और मार्शल आर्ट

शीलू ने जब हाथ में तलवार लेकर आंखे तरेर कर आल्हा गाना शुरू किया, तब मौजूद लोग वीर रस के प्रभाव से झूम उठे। वहां बैठे तमाम लोगों के हाथ अपने आप ताली बजाने लगे और लोग शीलू के गाए आल्हा के आनंद में भाव विभोर होकर झूमने लगे। वहीं, दूसरी रानी लक्ष्मीबाई विजेता रहीं डिम्पी यादव ने गांव कनेक्शन टीम के साथ जुड़कर ग्रामीणों को मार्शल आर्ट के प्रेरित किया और स्कूलों में छात्राओं को कराटे सिखा कर उन्हे खतरे से लड़ने की प्रेरणा दी।

जब मिला सम्मान

गांव कनेक्शन स्वयं फेस्टिवल में रायबरेली की एसओ सोनी शुक्ला ने इन दोनों को सार्टिफिकेट देकर सम्मानित किया और इनकी उपस्थिति ने गांव कनेक्शन को और खास बना दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी लड़कियां समाज में एक प्रेरणा बनकर उभरती हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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