#स्वयंफेस्टिवल: अपने इरादों से बदली तस्वीर, मिला सम्मान तो खिले चेहरे

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
#स्वयंफेस्टिवल:  अपने इरादों से बदली तस्वीर, मिला सम्मान तो खिले चेहरेबांदा के जिला पंचायत भवन में सम्मान समारोह के दौरान रखे ट्रॉफीज की एक झलक।

स्वयं डेस्क/ शाहनवाज़ (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 27 वर्ष

बांदा। जिन्होंने अपने इरादों से न सिर्फ अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल किया, बल्कि समाज में और लोगों के लिए मिसाल कायम की, आज ऐसे ही प्रतिष्ठित लोगों को सम्मानित किया गया। यह खास मौका था बांदा के बाबू लाल चौराहा स्थित जिला पंचायत भवन में, जहां गाँव कनेक्शन की ओर से इन शख्सियतों को सम्मानित किया गया। बता दें कि गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 25 जिलों में 2 से 8 दिसंबर तक मनाए जा रहे 'स्वयं फेस्टिवल' के तहत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वयं फेस्टिवल में एक सप्ताह के अंदर 1000 कार्यक्रम किये जा रहे हैं।

सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य।

कार्यक्रम में सबसे पहले अंजू दमेले के संगीत अकादमी की ओर से बच्चों ने सरस्वती वंदना की खूबसूरत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर जिला पंचायत बांदा के प्रतिनिधि लाखन सिंह, राजीव गांधी डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल राम भरत सिंह तोमर, प्रेम सिंह और एहसान खान ने जिले की हस्तियों को सम्मानित किया।

इन्हें मिला सम्मान

अवार्ड समारोह

कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अंजू दमेले, नसीर अहमद, मज़हर हुसैन उर्फ लल्लू भाई, करियर कोचिंग के आशुतोष तिवारी, आरटीआई कार्यकर्ता उमाशंकर पांडे और बंदौसा के खालिक खान और शहनवाज़ शानू को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने कहा कि गाँव कनेक्शन की यह एक बहुत अच्छी पहल है। स्वयं फेस्टिवल देश का सबसे बड़ा ग्रामीण उत्सव है। इसके तहत गाँव के लोगों को भी मंच मिला है।

रूहीना की सफलता से प्रेरित हुए लोग

रूहीना।

इस अवसर पर बांदा की रूहीना भी उपस्थित रहीं। रूहीना ने भी अपने इरादों से अपनी किस्मत बदली। रूहीना ने एक संस्था के माध्यम से आचार और मुरब्बा बनाने का प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बाद रूहीना ने आचार बनाकर बेचने का व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे रूहीना ने अपने साथ चार महिलाओं को अपने साथ जोड़ लिया। रूहीना संघर्ष करती रहीं और चटपटा आचार नाम से कंपनी खोली। आज रूहीना की कंपनी का आचार पूरे बांदा में मशहूर है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.