फैजाबाद में मदरसे की छात्राओं ने #स्वयंफेस्टिवल से जानीं यूपी 100 की बारिकियां

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
फैजाबाद में मदरसे की छात्राओं ने #स्वयंफेस्टिवल से जानीं यूपी 100 की बारिकियांयूपी 100 के सत्र में भाग लेतीं पहाड़गंज ग्राम सभा में मदरसा इरफानी गर्ल्स इंटर कालेज की छात्राएं।

स्वयं डेस्क

स्वयं फेस्टिवल : दूसरा दिन। स्थान-फैजाबाद के मरुधा ब्लाक के पहाड़गंज ग्राम सभा में मदरसा इरफानी गर्ल्स इंटर कालेज

गाँव कनेक्शन फाउंडेशन की चौथी वर्षगांठ पर फैजाबाद में चल रहे उत्सव में मदरसा इरफानी गर्ल्स इंटर कालेज की लड़कियों को अखिलेश सरकार की सबसे आधुनिकतम हेल्पलाइन यूपी 100 की जानकारी दी गई। साइबर सेल के महेश पांडे ने बताया कि इस सेवा की नींव अमेरिका की 9/11 आपातकालीन सेवा के आधार पर रखी गई है। यानि शहरों में पुलिस घटनास्थल पर 15 मिनट में पहुंचेगी और गाँवों में 20 मिनट में।

कार्यक्रम में भाग लेतीं मदरसे की छात्राएं।

यूपी 100 पूरे प्रदेश के लिए है। खासियत यह है कि आपदा में फंसे किसी व्यक्ति की सूचना पर 15 से 20 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंचेगी। इसके लिए राजधानी लखनऊ में एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित किया गया है। यह कॉलसेंटर है। लगभग 300 सीटों के इस कॉलसेंटर में आने वाली सभी कॉल्स रिकॉर्ड होंगी और यह वायरलैस, मोबाइल और इंटरनेट आदि से जुड़ा होगा। इसके अधीन वाहनों में जीपीएस प्रणाली लगी है जो तत्काल शिकायतकर्ता या सूचना देने वाले की लोकेशन बता देता है।

मो हलीम ने जागरूकता सत्र में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। कार्यक्रम में दीपक, सादिक और अवध पीपुल फोरम का अहम योगदान रहा।

जागरूकता सत्र में अधिकारों की जानकारी देते अतिथि।

‘टि्वटर सेवा’ से सक्रिय हुई पुलिस

टि्वटर सोशल मीडिया इंचार्ज कपीश यादव ने बताया कि यूपी के 75 जिलों में कुल 122 टि्वटर हैंडल सक्रिय हैं। पुलिस टि्वटर से भी शिकायतें निपटा रही है। यूपी देश में पहला ऐसा राज्य है जहां टि्वटर का इस्तेमाल हर जिले में पुलिस महकमा कर रहा है। इससे पहले बेंगलुरु में यह सेवा चल रही थी। टि्वटर शिकायतों को व्यवस्थित ढंग से निपटाने के लिए टि्वटर पर आधारित सीआरएम (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेन्ट) प्लेटफार्म है। इस साफ्टवेयर से शिकायतों को सम्बन्धित जिलों में प्रेषित किया जाता है। प्रत्येक शिकायत का एक कोड जनरेट होता है जिसके आधार पर उनको ट्रैक किया जाता है। कम्प्यूटर के एक कमांड से सेकंडों में पता लगाया जा सकता है की किस जिले द्वारा इसे प्रेषित किया गया, कितनी शिकायतों का कितने समय में निस्तारण किया गया।

यूपी पुलिस की सेवाओं के बारे में जानकर छात्राओं का हौसला बढ़ा।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.