#स्वयंफेस्टिवल: ज़मीन और ख़ुद को बीमार होने से बचाना है तो करें जैविक खेती
भास्कर त्रिपाठी 5 Dec 2016 7:22 PM GMT

ललितपुर. जिस फर्टिलाइज़र को हम अपने खेतों की उपज बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, असल में वो धीरे-धीरे हमारी ज़मीन को बीमार कर रही है, पर ज़्यादातर किसानों को इस बात की जानकारी ही नहीं है। स्वयं फेस्टिवल में आज 'विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर आज ललितपुर के तालबेहट ब्लॉक में आयोजित किसान गोष्ठी में विशेषज्ञों ने किसानों को उनकी ज़मीन स्वस्थ्य और उपजाऊ बनाने के तरीके बताए।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर अशोक यादव थे जो कि ज़िला कृषि विभाग के भूमि संरक्षण अधिकारी के साथ ही प्रसार अधिकारी भी हैं। डॉक्टर यादव ने किसानों को गोबर की खाद की उपयोगिता, कूड़े-कचरे से जैविक खाद खाद बनाने की विधि समझायी। उन्होंने बताया कि कैसे असम जैसे राज्यों में जैविक खेती से किसानों की पैदावार बढ़ी है।
इस किसान गोष्ठी से किसानों को कई ऐसी बातों की जानकारी मिली जो उन्हें पहले पता नहीं थी। ऐसे ही एक किसान पुराखुर्द गांव के 45 साल के अमोल सिंह राजपूत हैं। अमोल बताते हैं कि वो अपने दो एकड़ के खेत में अब तक दो बोरी यूरिया और डीएपी डालते रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे पैदावार बढ़ेगी. उन्हें ये पता ही नहीं था कि ज़्यादा यूरिया डालने से ज़मीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि ज़मीन के स्वास्थ्य के लिए बहुत ख़़राब है। इस गोष्ठी में ज़मीन सुधार के तरीके जानने के बाद अब अमोल जैसे किसान बहुत खुश हैं।
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