ब्लैकबोर्ड पर लिख कर पेपर हल करवा रहे अध्यापक

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ब्लैकबोर्ड पर लिख कर पेपर हल करवा रहे अध्यापकउन्नाव जिले के विकास खण्ड बीघापुर के परिषदीय विद्यालय में परीक्षा देते छात्र।

बीघापुर (उन्नाव)। विकास खण्ड बीघापुर के परिषदीय विद्यालयों में शुरू हुई अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं मजाक बन गई हैं। शिक्षक पुस्तकों से ब्लैक बोर्ड पर लिख कर परीक्षाएं संपन्न करा रहे हैं।

विद्यालयों में यह हाल इसलिए है क्योंकि परीक्षा दे रहे छात्रों को सत्र शुरू होने के छह माह बाद तक कई विद्यालयों में अब तक किताबें नहीं बांटी जा सकी है। जिससे बिना पढ़े ही उन्हें परीक्षा देने को मजबूर होना पड़ रहा है।

विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों में अभी तक किसी भी कक्षा के बच्चों को पूरी पुस्तकें तक नहीं मिली। वहीं जूनियर कक्षाओं में परीक्षा शुरू होने से मात्र तीन दिन पहले ही किताबें दी गई हैं। किताबें न मिलने से बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो सकी। इस बीच क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय टिकुरीमऊ, दांदामऊ, पाही हरदो व खुर्द, बीघापुर में सभी विद्यालयों में अध्यापको ने बच्चों को परीक्षा के सवाल ब्लैक बोर्ड पर लिख कर हल करवा रहें हैं। वहीं क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में पुस्तकों के संबध में जानकारी की गई तो बताया गया कि कक्षा 1 व 2 में एक पुस्तक, कक्षा 3 व 4 में दो, कक्षा 5 में तीन पुस्तकें अब तक वितरित की गई है।

जूनियर कक्षाओं में अभी शनिवार को सारी पुस्तकें बच्चों को तीन बार में वितरित की जा सकी। इन विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों से बगैर पुस्तकों के किस प्रकार पढ़ाई और परीक्षा हो रही है पूछने पर बताया कि गत सत्र के बच्चों से ली गई पुस्तकों से पढ़ाई की जा रही है और उसी से तैयारी कराई गई है। वहीं ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न हल करने व पुस्तके रखकर के परीक्षा होने से इंकार किया। प्राथमिक विद्यालय पाही खुर्द में इंचार्ज शिक्षिका अंजू कुमारी ने बताया कि हमारे विद्यालय में पुस्तके सभी बच्चो को समय से मिल चुकी थी। पाही खुर्द विद्यालय में नियमानुसार अलग अलग बैठाकर परीक्षाएं कराई गयी।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.