गाँव कनेक्शन/ स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। अभी तक बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षामित्र इन दिनों खुद पढ़ाई में जुटे हुए हैं और टीईटी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वह मोटी फीस भरने से भी नहीं कतरा रहे हैं। इन दिनों जहां कोचिंग सेंटर्स शिक्षामित्रों को टीईटी की पढ़ाई करवाने में लग गये हैं ,वहीं कुछ शिक्षामित्र घर पर ही ट्यूटर को मुंहमांगे दाम देकर पढ़ाई कर रहे हैं। टीईटी की तैयारी के लिए किताबों की दुकानों पर शिक्षामित्रों की भीड़ नजर आ रही है।
शिक्षामित्रों का समायोजन का रद्द होना भले ही शिक्षामित्रों के लिए नुकसानदायक फैसला रहा हो पर कोचिंग सेंटर्स, ट्यूटर्स और बुक सेलर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला फायदेमंद साबित हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना अनिवार्य हो गया है, जिसकी परीक्षा के लिए शिक्षामित्र जोर-शोर के साथ लग गए हैं। इसके लिए किताबों के साथ कोचिंग सेंटर्स और ट्यूटर का सहारा ले रहे हैं। शिक्षामित्रों की टीईटी की तैयारी करने से जहां कोचिंग और ट्यूटर्स की चांदी हो गई है तो बुकसेलर्स की भी इनकम हो रही है। जिन कोचिंग सेंटर्स में अभी तक एसएससी, बैंक, यूजीसी और नेट की पढ़ाई करवाई जा रही थी वहां अब टीईटी के लिए भी शिक्षामित्रों को शिक्षित किया जा रहा है। शिक्षामित्र अनीता कहती हैं, “मैं टीईटी पास करना चाहती हूं इसलिए मैंने परफेक्ट काम्पटीशन एकेडमी ज्वाइन की है। इसके लिए सात हजार रुपए फीस जमा की है। मैंने एकेडमी आने के लिए दोपहर के बैच को चुना है। यहां वैसे तो सभी विषय पढ़ाये जा रहे हैं जो समझ में भी आ रहे हैं लेकिन गणित बहुत समझ में नहीं आती पर कोशिश कर रहे हैं सीखने की।” शिक्षामित्र धर्मेन्द्र यादव ने बताया, “मैं कोचिंग नहीं जा रहा हूं लेकिन घर पर ट्यूशन पढ़कर टीईटी की तैयारी कर रहा हूं। हर दिन दो घंटे की ट्यूशन के बाद मैं खुद से भी कम से कम दो घंटे पढ़ाई करता हूं। इतने वर्षों से पढ़ाते ही आए हैं बच्चों को, अब खुद पढ़ना पड़ रहा है तो बड़ा अजीब लग रहा है।”
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मैंने भी टीईटी की परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मैंने कोचिंग में पढ़ाई शुरू की है। सात हजार रुपए की फीस भरी है जिसमें मुझे परीक्षा के दिन तक पढ़ाई करवायी जाएगी। पास होने की कोई गारंटी नहीं दी गई है। हर दिन कम से कम दो घंटे कोचिंग में देने होते हैं।
शिव किशोर द्विवेदी, शिक्षामित्र
‘कोचिंग तो शुरू कर दी है, लेकिन पढ़ाई बड़ी अजीब लग रही’
शिव किशोर द्विवेदी जो शिक्षामित्र हैं। वह कहते हैं, “मैंने भी टीईटी की परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मैंने कोचिंग में पढ़ाई शुरू की है। सात हजार रुपए की फीस भरी है जिसमें मुझे परीक्षा के दिन तक पढ़ाई करवायी जाएगी। पास होने की कोई गारंटी नहीं दी गई है। हर दिन कम से कम दो घंटे कोचिंग में देने होते हैं।” शिक्षामित्र विमला लक्ष्मी यादव कहती हैं, “मैंने कोचिंग तो शुरू कर दी है, लेकिन पढ़ाई बड़ी अजीब लग रही है। हालांकि इतने वर्षों से पढ़ाने का काम ही कर रहे हैं फिर भी पढ़ने और पढ़ाने में बड़ा अन्तर है। शुरू में कुछ संकोच हो रहा था कोचिंग जाने में लेकिन अब दिक्कत नहीं होती। दिन में दो घंटे पढ़ाई करवाई जाती है कोचिंग में। इंग्लिश, हिन्दी, गणित, मनोविज्ञान, पर्यावरण और संस्कृत विषयों को पढ़ना पड़ता है। एक दिन में दो विषय पढ़ाये जाते हैं और रविवार को छह घंटे तक हर एक घंटे में एक विषय पढ़ना पड़ता है।”
कोचिंग संचालकों की पौबारह
परफेक्ट कॉम्पटीशन एकेडमी की संचालिका विधि ने बताया, “वैसे तो हमारी एकेडमी बहुत पुरानी है और यहां कई तरह के काम्पटेटिव एक्जाम की तैयारी करवाई जाती हैं। इस बार मैंने शिक्षामित्रों के लिए टीईटी एक्जाम की तैयारी के लिए भी एडमीशन लिए हैं। मेरी एकेडमी में ढाई सौ शिक्षामित्रों ने एडमीशन लिया है। इन सभी के लिए एक दिन में तीन बैच लगाये जाते हैं जो दो-दो घंटे के लिए होते हैं। फीस पहले ली जाती है लेकिन यदि कोई चाहे तो दो किश्तों में दे सकता है। यदि कोई ट्रायल लेना चाहता है तो सौ रुपए जमा करवा कर तीन दिन कोचिंग ज्वाइन कर सकता है। यदि उसको संतुष्टि नहीं मिलती है तो वह सौ रुपए वापस ले जा सकता है।”
लवलेश सिंह जो कि जस्ट फोरम कोचिंग के निदेशक हैं, कहते हैं, “दोपहर दो बजे से चार बजे तक और शाम छह बजे से रात आठ बजे तक दो बैच लगाये जाते हैं कोचिंग में। सात हजार रुपए ले रहे हैं लेकिन यदि कोई एक ही किश्त में दे देता है फीस तो उसको छूट भी दे देते हैं एक हजार रुपए की। हमारी कोचिंग में अट्ठाइस टीचर हैं जो पढ़ा रहे हैं। एक दिन में दो घंटे की कोचिंग में दो ही सब्जेक्ट पढ़ाते हैं, जिससे समझ में अच्छे से आ सके। रविवार को पांच-छह घंटे के लिए एक ही बैच लगाया जाता है, जिसमें एक-एक घंटे तक हर विषय पढ़ाया जाएगा। दस दिन पहले बैच शुरू हो चुके हैं लेकिन एडमीशन अभी भी हो रहे हैं, जिनका कोर्स छूट जाएगा उनके लिए विशेष नोट्स का इंतजाम करवाया जाएगा।
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बुक सेलर्स पर टीईटी कम्पटीशन की किताबों की बढ़ गई बिक्री
अमीनाबाद स्थित नेशनल बुक सेलर्स पर काम करने वाले विमल ने बताया, “वैसे तो हमारी शॉप पर हमेशा ही भीड़ रहती है लेकिन इन दिनों सबसे ज्यादा भीड़ टीईटी की परीक्षा के लिए किताबें खरीदने वालों की आ रही है। पहले जो किताबें बहुत कम बिका करती थीं अब उनकी डिमांड बहुत हो गई है। हमारे पास स्टॉक खत्म हो गया है जो आर्डर पर मंगवाया जा रहा है। अरिहन्त और लूसेन्ट की किताबों की बहुत मांग बढ़ गई है।”
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को गैरकानूनी ठहराया था। साथ ही शिक्षामित्रों को राहत देते हुए उन्हें तत्काल हटाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि समायोजित किए गए शिक्षामित्रों को हटाया नहीं जाएगा। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि शिक्षामित्रों के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने भर्ती के लिए शिक्षामित्रों को दो मौके दिए हैं। शिक्षामित्रों को इन दो मौकों में परीक्षा पास करनी होगी, इसमें उन्हें अनुभव का भी वेटेज मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अब राज्य सरकार चाहे तो वह नियम बनाकर शिक्षामित्रों को पूर्ण अध्यापक का दर्जा दे सकती है। इस फैसले के बाद शिक्षामित्रों ने कई बड़े प्रदर्शन किये और सरकार से मदद मांगी थी। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अब तक प्रतिमाह 3500 रुपए पाने वाले शिक्षामित्रों को सरकार 10 हजार रुपए प्रतिमाह देगी। यह मानदेय उन्हें हर साल 11 महीने तक दिया जाएगा। बढ़ा मानदेय एक अगस्त 2017 से देय होगा। हालांकि सरकार का यह फैसला शिक्षामित्रों को मंजूर नहीं था। इस फैसले से शिक्षामित्रों में नाराजगी बढ़ गई थी और उन्होंने अपने प्रदर्शन तेज कर दिये थे। लेकिन अब धीरे-धीरे बहुत सारे शिक्षामित्रों में प्रदर्शन करने का जोश कम और टीईटी की परीक्षा पास करने की कोशिशें नजर आने लगी हैं और वह टीईटी के लिए कोचिंग करने लगे हैं।
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