स्वच्छता का हाल, बाराबंकी के 13 गाँवों में सिर्फ एक सफाईकर्मी

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स्वच्छता का हाल, बाराबंकी के 13 गाँवों में सिर्फ एक सफाईकर्मीऐसा है गाँव की सड़क का हाल।

कम्यूनिटी जनर्लिस्ट: कविता द्विवेदी

बाराबंकी। जरा एक नजर इस गाँव की ओर जहाँ लोग कह रहे हैं विकास नहीं हो रहा और प्रधान कह रहे हैं, मैंने आठ माह में जो किया वो पिछले पांच वर्ष में नहीं हुआ। अब ये तो नहीं पता कि विकास कैसे हो रहा है जो ग्रामीणों तक नहीं पहुंच रहा।

जब टीम आई तो हुई सफाई

जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर पथ स्थित शिवनाम साहेबगंज में आज तक नालियों की सफाई नहीं हुई। गाँव वालों का कहना है कि सिर्फ नाली ही नहीं, बल्कि आज तक सड़क पर झाड़ू तक नहीं लगी। साहेबगंज के अमर सिंह वर्मा (45 वर्ष) बताते हैं, "आज से दो साल पहले जब दिल्ली से शौचालय की जांच करने टीम आई थी तब ही गाँव की सफाई हुई थी उस टीम ने जब कार्यकर्ताओं के काम की जांच की थी, तभी यहां कुछ शौचालय और सड़क, नाली की सफाई हुई थी।" अमर सिंह आगे बताते हैं, "तब से आज तक इस गाँव में न हो कोई शौचालय मिला, न बिजली आती है और ना ही नाली, सड़क की सफाई होती है।"

पूरे स्कूल में सिर्फ दो शिक्षक

जब स्कूल के बारे में बच्चों से पूछा तो शालू, अभिषेक, संध्या बताती हैं, "केवल पूरे स्कूल में दो टीचर है और वही पूरी कक्षा में पढ़ाते हैं। कुछ कक्षा खाली रहती हैं और वो सारे बच्चों को एक ही साथ पढ़ाते हैं और सही से खाना भी नहीं मिलता।" इस गाँव के प्रधान विवेक वर्मा जो पूरे 13 गाँव (शिवनाम, भोला गंज, सिद्धेकापुरवा, अयोध्यागंज, नेवाजगंज, राजापुर, बेनीगंज, रामगंज, साहेबगंज, देवापुर, फतहापुर, हरनाम) के प्रधान है।

तो कैसे हो पाएगा विकास

गाँवों की नालियों का यह हाल।

जब इनसे इस गाँव के विकास और स्वच्छता के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया, "यहां एक ही सफाई कर्मी है इसलिए सभी गाँव साफ नहीं हो पाते है। गाँव के विकास के सम्बन्ध में कहा, "हमें रुपया नहीं मिल रहा तो कैसे विकास हो पाएगा। अभी हमें मनरेगा का पैसा नहीं मिला, 14वाँ वित्त नहीं मिल रहा, सफाईकर्मी की समस्या, खाद्ययान की समस्या है। अब जितना रुपया मिलेगा उतना ही काम हो पाएगा।"

मैंने आठ माह में करके दिखाया

आगे बताते हैं, "ग्राम पंचायत में 5000 वोटर और 10000 हजार की आबादी है, जिस वजह से एक सफाईकर्मी सभी गाँव में सफाई नहीं कर पाता।" प्रधान विवेक आगे बताते हुए कहते हैं, "जो कार्य पिछले पांच वर्ष में नहीं हुआ, उतना मैंने आठ माह में किया है। मैंने शिवनाम में 500 मीटर का नाला और निवादगंज में अन्डरगाउंड नाला बनवाया और मनरेगा में दो तालाब और टून्नू गुप्ता को लोहिया आवास बनवाया। अब हमें और रुपया नहीं मिल रहा।"

मौके पर अधिकारियों को दिखा सच

इस सम्बन्ध में ग्राम विकास अधिकारी उत्तम वर्मा से बात पूछने पर उन्होनें कहा, "मनरेगा के तहत 10 शौचालय और पंचातीराज विभाग द्वारा दो शौचालय और दिव्यांग के लिए दो शौचालय बनवाए गए है।" फिर जब सफाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक नहीं, दो और सफाईकर्मी 15 दिन पहले आए है और उन्होनें सफाई की है। अब ये कहना मुश्किल है कि सफाई होती है या नहीं, मगर मौंके पर हमें नालियों की स्थिति ऐसी मिली जिसे देख कर लगता है कि वाकई सफाई सालों से नहीं हुई।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).



  

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