3,856 शौचालय बनाने का लक्ष्य, आठ माह में बने सिर्फ 432 शौचालय
Arvind Singh Parmar 22 Nov 2016 6:47 PM GMT

स्वयं डेस्क
ललितपुर। स्वच्छता भारत अभियान को लेकर जिस प्रकार राज्य व केन्द्र सरकार गम्भीर है, लेकिन पंचायतों के कर्मचारी व जनप्रतिनिधि गम्भीर नहीं, बल्कि उदासीन हैं। इस वजह से शौचालय गुणवत्ता परख नही बनते हैं और अधिकतर उपयोग विहीन साबित होते हैं। ऐसे में ग्रामीण शौचालय का उपयोग नही कर पाते और खुले मे जाते हैं।
गुणवत्ता पर लगते हैं सवालिया निशान
मनरेगा योजना की लाख कोशिशों के बाद आठ माह मे लक्ष्य के सापेक्ष शौचालय नही बना पाये और निर्माण की रफ्तार काफी मंद रही। ब्लॉक व पंचायत स्तरीय कर्मचारियों के ढुलमुल रवैये की वजह से शौचालय बनवाने को गति नही पकड़ सकी है। वहीं, अगर शौचालय पंचायतों मे बन भी गयी तो वह भी गुणवत्ता परख नही होते हैं। ऐसे मै ग्रामीण शौचालय का कैसे उपयोग करेंगे। जबकि सरकार शौचालय के लिए 12,000 रुपये की लागत दे रही है, इसके बाद भी हमेशा शौचालयों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगते हैं।
शौचालय बने हैं, मगर....
ललितपुर जनपद में पूर्व दक्षिण दिशा मे महरौनी ब्लाँक की (दूरी 60 किमी) साढूमल ग्राम पंचायत महरौनी मडावरा मुख्य मार्ग पर है। मार्ग पर गुजरने समय आपको स्वत: ज्ञात हो जायेगा कि साढूमल आ गया है। गाँव के पास पहुंचने पर रोड के दोनों किनारों पर सिर्फ और सिर्फ गंदगी दिखेगी। जिले में यह अकेला साढूमल गाँव नही है, बल्कि जिले में ऐसे अनेक गाँव मिल जाएंगे। ऐसा नहीं कि यहां शौचालय ना हो, शौचालय पर्याप्त हैं। ये शौचालय गुणवत्ता विहीन होने के कारण उपयोग लायक नहीं हैं।
शौचालयों में भरे हैं कंडे और कचड़ा
साढूमल के रामदास (32 वर्ष) बताते हैं कि "गाँव में शौचालय तो बने हैं, लेकिन उपयोग कम होता है, क्योंकि गुणवत्ता परख नही हैं। जो कुछ शौचालय थोड़े बहुत ठीक बने हैं, वहां पर कुछ ग्रामीण जाते भी हैं, बाकी नहीं। अधिकतर शौचालयों में कंडे या कचड़ा भरा है, क्योंकि वो खराब हो चुके हैं।
गाँव की जनसंख्या 5000 पार
साढूमल में 1210 परिवार हैं, जिसकी जनसंख्या 5600 के लगभग हैँ। पिछले प्रधान ने अपने कार्यकाल मे 250 से अधिक शौचालय बनवाये, जो अधिकतर खराब पड़े हैं। ग्रामीणों ने बताया कि "शौचालय तो है, लेकिन उपयोग लायक नही? ऐसे मे सुबह शाम खुले में ही जाना पडता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना अंर्तगत वर्ष 2016-17 में 6 विकास खण्डों में 3856 शौचालय बनने थे। अप्रैल माह से नम्बर तक आठ माह में मात्र 432 शौचालयों का काम शुरू हो सका, वह भी आधे अधूरे पड़े हैं, शेष नही बन पाये।
वर्ष 2016-17 में निर्धारित शौचालय निर्माण लक्ष्य के आंकड़े
ब्लॉक शौचालयों का लक्ष्य निर्मित शौचालय
तालबेहट - 501 - 20
बार - 575 - 62
मडावरा - 603 - 78
महरौनी - 612 - 52
जखौरा - 797 - 100
बिरधा - 769 - 120
सभी खण्ड विकास अधिकारियों को एक सप्ताह में शौचालय पूर्ण कराने के निर्देश दिये हैं, तीन दिन में कार्रवाई करते हुए निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये गये हैं।प्रवीण कुमार लक्ष्कार, सीडीओ
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