पीलीभीत : इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है सबसे ज़रूरी सुविधा

uttar pradesh

अनिल चौधरी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

पीलीभीत। जनपद मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बीसलपुर तहसील के गाँव जोगीठेर में स्थित एडिशनल सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) देखने में किसी प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं है। यहां मरीजों के लिए बिछाए गए बेडों पर सफेद चादरें, साफ-सुथरे शौचालय, बढ़िया ऑपरेशन थिएटर, उचित दवाएं उपलब्ध हैं। अगर किसी चीज की कमी है तो वह स्टाफ की।

जब गाँव कनेक्शन की टीम सीएचसी पहुंची तो मात्र दो कर्मचारी ही वहां उपस्थित मिले, जिसमें एक वार्ड ब्वाय मिढ़ई लाल और स्टाफ नर्स (संविदा) सीमा देवी उपस्थित थे। यहां पर नियुक्त डॉ. चंद्र प्रकाश अस्पताल में उपस्थित नहीं थे। उनसे फोन पर बात करने पर पता चला कि डॉक्टर जिला मुख्यालय पर पोस्टमार्टम करने गए हैं।

ये भी पढ़ें- … तो गुस्से में आदमी हत्यारा बन जाता है

ग्राम पतरसिया निवासी लालाराम वर्मा (50 वर्ष) ने बताया, “मैं कई बार अपने बेटे को दवा दिलवाने जोगीठेर के इस अस्पताल में गया तो मुझे कभी भी डॉक्टर साहब नहीं मिले। आखिर मुझे मजबूर होकर पीलीभीत प्राइवेट अस्पताल में दिखाना पड़ा। क्योंकि मेरा बेटा लंबे समय से पीलिया रोग से ग्रसित है।” जोगीठेर गाँव के निवासी सर्वेश कुमार (30 वर्ष) ने बताया, “मरीज न जाने का कारण यह है कि डॉक्टर अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं करते। बुखार के मरीजों को भी ठीक से दवाई नहीं मिल पाती।”

जोगीठेर निवासी बरखेड़ा ब्लॉक के पूर्व प्रमुख नीरज गंगवार (45 वर्ष) से बात की गई तो उन्होंने बताया, “मैंने पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र बीसलपुर से विधायक का चुनाव भी लड़ा था। गाँव देहात के काफी लोगों ने अस्पताल की मुझसे शिकायत की है।

लोगों का कहना है कि हम जब भी अस्पताल में दवाई लेने जाते हैं तो वहां डॉक्टर नहीं मिलते हैं। कई बार मैंने फोन पर पूर्व सीएमओ डॉ. ओम चौहान से बात की और ग्रामीणों की समस्या के बारे में बताया। लेकिन कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।”

ये भी पढ़ें- सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ बना क़ानून क्या है, क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत

इसके अलावा इस एडिशनल सीएचसी पर पैथोलॉजी लैब तो बनी है, लेकिन इसमें न तो कोई उपकरण है और न ही कोई लैब टेक्नीशियन तैनात है। इसी तरह का हाल इस अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर का भी है इसमें बढ़िया उपकरण तो लगे हैं लेकिन किसी सर्जन की नियुक्ति नहीं की गई है।

डॉ. चंद्र प्रकाश ने बताया, “इस समय मेरा अधिकतर समय सीएससी से बाहर ही गुजर जाता है, क्योंकि पोस्टमार्टम में मेरी ड्यूटी लगती है और नसबंदी कैंप लगाने का जिम्मा भी दे दिया जाता है। इसके साथ ही कभी-कभी सीएससी बरखेड़ा में भी इमरजेंसी केस देखने के लिए मेरी ड्यूटी लगा दी जाती है।”

पीलीभीत सीएमओ ओपी सिंह ने बताया पीलीभीत में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी है। आप सीएचसी की बात कर रहे हैं, जबकि यहां जिला चिकित्सालय में भी किसी सर्जन की नियुक्ति नहीं है। जिला चिकित्सालय भी डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Recent Posts



More Posts

popular Posts