ये जंगल नहीं, गाँव से गुजरने वाली सड़क है

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ये जंगल नहीं, गाँव से गुजरने वाली सड़क हैऐसा है सड़क का हाल।

कम्यूनिटी जनर्लिस्ट: हर्षित कुशवाहा

रामपुर मथुरा (सीतापुर)। ग्रामीणों की सुविधा के लिए गाँवों में सड़क बनायी जाती है, लेकिन ग्रामीण खुद ही उस सड़क पर कब्जा किये बैठे हैं।

बरई बरुआ गाँव की सड़क

सीतापुर जनपद से 84 किमी रामपुर मथुरा ब्लॉक के बरूई-बरूआ गाँव से गोण्डा देवरिया को जाने वाली सड़क इतनी चौड़ी है कि एक साथ इस पर दो ट्रैक्टर आसानी से गुजर सकते हैं, पर अब यह सड़क इतनी भी नहीं बची कि एक आदमी भी आसानी से पैदल गुजर सके।

रास्ते को बना रही असुविधाजनक

बरुई बरुआ गाँव के रमेश सिंह कहते हैं, "इन सड़कों के किनारे जिन किसानों के खेत हैं, उन्होंने अपने खेतों के किनारे पतार लगा रखी है जो बढ़ कर फैल गयी है और रास्ते को असुविधाजनक बना रही है और ये जंगली जानवरों सियार, भेड़िया जैसों को पनाह दे रही हैं।"

डरे रहते हैं बच्चे

इस असुविधाजनक रास्ते पर रोजाना सुबह सैकड़ों विद्यार्थी गुजरते हैं, जो गोण्डा देवरिया में स्थित स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। इस रास्ते से गुजरने वाले छात्र सुमित (14 वर्षीय) गोण्डा देवरिया स्थित बाबा बालक राम इण्टर कालेज में 8वीं में पढते हैं, बताते हैं, ''दोनों तरफ से पतार से घिरे रास्ते पर आने जाने में हमें डर लगता है, पर मजबूरी है। यहां कई बार भेड़िया भी दिखायी देते हैं।"

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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