Gaon Connection Logo

इस गाँव में शौचालय होने के बावजूद खुले में हवा लेने के लिए जाते है बाहर शौच

uttar pradesh

रहनुमा बेगम, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

औरैया। गाँव के लोग अपने शौचालयों में कंडे रखते हैं जबकि स्वयं शौच के लिए खेतों में जाते हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि खुली हवा लेने के लिए गाँव के बाहर शौच को जाते हैं।

जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर बसे गाँव गोहानीकला खुर्द में प्रत्येक घर में शौचालय तो बने हैं, लेकिन उन्हें कोई प्रयोग नहीं करता है। एक तरफ जहां शौचालय बनवाने के लिए सरकार मुहिम चला रही है वहीं दूसरी ओर लोग शौचालय का दुरुपयोग कर रहे हैं। गोहनी कला निवासी राम आसरे (55 वर्ष) बताते हैं, “गाँव में सभी के घर में शौचालय बने हुए हैं, लेकिन उन्हें कोई प्रयोग नहीं करता है। इसकी खास वजह ये है कि लोगों को शौचालय प्रयोग करने के लिए जागरूक नहीं किया गया है।”

ये भी पढ़ें- शौचालय नहीं, इसलिए रोज सहनी पड़ती है बेइज्जती

गाँव में बने शौचालय और उनमें भरा गया सामान देखकर ही अनुमान लगाया जा सकता है कि गाँव के लोग स्वच्छता के प्रति कितने जागरूक हैं। गाँव के प्रधान ने लोगों के शौचालय तो बनवा दिए लेकिन प्रयोग करने के लिए कोई ताकीद नहीं की। इसी गाँव के निवासी राम बिटानी (65 वर्ष) का कहना है, “शौचालय तो बन गए हैं, लेकिन पानी की निकास नहीं है। शौचालय से बहने वाला पानी बदबू देता है, इसलिए शौचालय में न जाकर बाहर जाती हूं।” गाँव में बने शौचालयों का आलम ये है कि लोगों ने उसमें कंडे भर रखे हैं। एक नहीं दो नहीं बल्कि एक सैंकडा शौचालय ऐसे हैं, जिनमें कुछ न कुछ भरा हुआ है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

डीपीआरओ केके अवस्थी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया, “गाँव-गाँव जाकर लोगों को शौचालय प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ओडीएफ के तहत टीमों का गठन किया गया है जो जागरूक करने में लगी हुई हैं। शौचालय प्रयोग न करने वालों को सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाएगा।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

More Posts

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैन को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत...