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बरसात में जलभराव बना लोगों के लिए मुसीबत

मानसून

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

तिर्वा (कन्नौज)। बीते चार दिनों से हो रही बरसात से हर ओर जलभराव हो गया है। दुकानों, घरों और सरकारी कार्यालयों में पानी पहुंच गया है। महाराणा प्रताप के वंशज कहे जाने वाले लोहापीटा के आशियानों में तो चूल्हों तक पानी पहुंच गया, जिससे भोजन बनाने तक को लाले पड़ गए।

जिला मुख्यालय कन्नौज से 15 किमी दूर बसे तिर्वा तहसील भवन के निकट कुछ सालों से महाराणा प्रताप के वंशजों को बसाया गया है। यहां उनको जमीन का मालिकाना हक भी मिला है। लेकिन जगह तालाब से सटी हुई है, जिससे हर बरसात में इन लोगों के लिए दिक्कतें होती हैं।

माया देवी (35वर्ष) अपनी परेशानी बताते हुए कहती हैं, ‘‘जब से हम लोग हियन रहान आए हैं हमेशा पानी भरत है। हमाई कोई प्रकार की सुनवाई नाई हुई रही। हम लोग तहसील गए थे। फिर भी कुछ नहीं हुआ।”

यहीं की रहने वाली 25 साल की अमिता का कहना है, ‘‘पानी घर में बुरी तरीके से भर गया है। जिसके कारण न कोई आ पाता है और न ही कोई जा पाता है। सब काम धंधा चैपट है।”

वहीं माधुरी (60वर्ष) का कहना है, ‘‘ हमारे घर में पानी भर गयो। खटिया मचुआ सब उतराई गए हैं। चूल्हे तक पानी भरो है, क्या खाना बनाएं लकड़ियां तक भींग गई हैं। अधिकारी आउत देख कर चले जात। कछु होतई नाई।”

कन्नौज के तिर्वा की एसडीएम शालिनी प्रभाकर ने बताया, “मैंने प्रधान को निर्देशित कर दिया है। पीछे नाला चोक है उसे खुलवाया जा रहा है। अगर पानी कम नहीं होता है तो इनको दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे। लोग जागरूक कम हैं, इसलिए नालों में गंदगी फैलाते हैं।”

कोतवाली परिसर में जलभराव होने से वाहनों की यह हो गई स्थिति।

तिर्वा कोतवाली परिसर में भी पानी भर गया। यहां खड़े वाहनों तक बरसात का पानी पहुंच गया। कोतवाली के निकट तालाब है, जिसका पानी यहां पहुंचता है। साथ ही तालाब का पानी घरों में भी उफनाता है। वहीं फगुहा भट्टा के निकट आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे के निकट मार्ग और तिर्वा-कन्नौज मार्ग पर भी पानी भरा है।

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