नई खनन नीति के तहत घाटों पर जमा बालू हटवाकर होगा समतलीकरण

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नई खनन नीति के तहत घाटों पर जमा बालू हटवाकर होगा समतलीकरणगंगा घाट।

उपदेश कुमार

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

कानपुर/ बिल्हौर। जिले के आधा दर्जन से अधिक गंगा घाटों पर जमा सिल्ट और बालू जल्द ही खनन नीति की तहत साफ हो जाएगी। अपर जिलाधिकारी वित्त के अनुसार बिल्हौर तहसील क्षेत्र के प्रमुख गंगा घाटों साफ करने और पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए ई-टेंडर के माध्यम से ठेके उठाए गए हैं।

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कानपुर नगर के अपर जिलाधिकारी संजय सिंह चैहान ने बताया,''आलाधिकारियों से मिले निर्देषों के बाद बिल्हौर के आंकिन, नानामऊ, मोहद्दीनपुर, अकबरपुर सेंग, संती, खेरेश्वर, बंदीमाता आदि गंगा घाटों पर सालों से जमा बालू को हटवाकर उससे राजस्व वसूला जाएगा।गंगा घाटों से बालू हटाकर जहां एक ओर तटों तक गंगा जल आ सकेगा वहीं स्नानार्थियों को स्वच्छ जल के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।''

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गंगा में बालू खनन के लिए अभी तीन घाट चिह्नित किए गए हैं। मगर इससे न तो गंगा शहर के घाटों के नजदीक आएंगी और न ही शहर में पानी की समस्या का समाधान होगा। यही वजह है कि डीएम सुरेंद्र सिंह ने शिवराजपुर के खेरेश्वर धाम के आसपास, बैराज से जाजमऊ तक कई घाटों को बालू खनन के लिए चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कटरी लोधवा खेड़ा घाट पर एक लाख घन मीटर, कटरी दुर्गापुर और सुनौढ़ा में 50-50 हज़ार घन मीटर बालू का भंडार है, जिसको साफ करवाने के लिए जिला प्रशासन लगातार लगा हुआ है।

        

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